Booster dose in India: बूस्टर डोज क्यों जरूरी, कैसे पता करेंकि किसी को COVID-19 बूस्टर शॉट की आवश्यकता है?

Booster Dose in India [Hindi] बूस्टर डोज क्यों जरूरी, कितनी होगी कीमत
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Booster Dose in India [Hindi]: कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इससे बचाव के लिए वैक्सीन को असरदार माना जा रहा है। अब तक यह देखा गया है कि कोविड-19 के टीके गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में प्रभावी रहे हैं।

क्या होता है बूस्टर डोज (What is Booster Dose)

किसी खास रोगाणु अथवा विषाणु के खिलाफ लड़ने में बूस्टर डोज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता और मजबूत करता है। यह बूस्टर डोज उसी वैक्सीन की हो सकती है जिसे व्यक्ति ने पहले लिया है। बूस्टर डोज शरीर में और ज्यादा एंटीबॉडीज का निर्माण करते हुए प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। बूस्टर डोज शरीर की प्रतिरधक क्षमता को यह याद दिलाता है उसे किसी खास विषाणु से लड़ने के लिए तैयार रहना है। 

किसे लग सकता है बूस्टर डोज (Booster Dose in India)

यह याद रखना होगा कि बूस्टर डोज उन्हीं लोगों को दिया जा सकता है जिन्होंने अपने टीके की पूरी खुराक ली हो। चूंकि दुनिया भर में कोविड-19 के नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य संस्थाएं बूस्टर डोज देने से पहले कई चीजों के बारे में सोचेंगी। सबसे पहले बूस्टर डोज बुजुर्ग लोगों को देने के बारे में सोचा जा सकता है। या इसे ऐसे लोगों को पहले दिया जा सकता है जिनका शरीर ज्यादा मात्रा में एंटीबॉडीज नहीं पैदा किया हो। या जब यह भी लगे कि किसी खास वैक्सीन की ओर से पैदा की गई एंटीबॉडी को नया वैरिएंट चकमा दे रहा है तो ऐसे समय में बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है।  

बूस्टर डोज लगवाने के लिए क्या करना होगा

Booster Dose in India [Hindi]: जाहिर है अगर आपने कोरोना की दोनों खुराक ले रखी हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन पहले ही हो रखा होगा। जो लोग इसके लिए पात्र हैं, उन्हें कोविन की तरफ से मैसेज आएगा। इसके बाद आपको कोविन की वेबसाइट cowin.gov.in पर जाकर वैक्सीन सेंटर का चुनाव कर स्लॉट बुक करना होगा। यहां आप अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भरना है। एक ओटीपी आएगा। उसे वहां भरने पर यह दिख जाएगा कि अभी आपको 9 महीने हुए हैं या नहीं।

बूस्टर डोज क्यों जरूरी है

कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इससे बचाव के लिए वैक्सीन को असरदार माना जा रहा है। अब तक यह देखा गया है कि कोविड-19 के टीके गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में प्रभावी रहे हैं। मेडिकल एजेंसी सीडीसी के अनुसार, एक समय बाद इन टीकों की सुरक्षा कम हो सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि बूस्टर शॉट न केवल प्रतिरक्षा को बढ़ाता है बल्कि ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट के खिलाफ भी आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को व्यापक और मजबूत करने में मदद करता है।

कैसे पता चलेगा कि किसी को वास्तव में बूस्टर की आवश्यकता है

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं, लेकिन आश्वस्त नहीं हैं कि आपको एक और खुराक की आवश्यकता है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। वह आपके व्यक्तिगत लाभों और अतिरिक्त खुराक प्राप्त करने के जोखिमों के आधार पर फैसला लेने में आपकी मदद कर सकता है।

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इसके लिए आपका डॉक्टर आपके एंटीबॉडी लेवल की जांच कर सकता है, जिसे एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट (antibody titers test) भी कहा जाता है। प्रतिरक्षा के कई घटक हैं जिसमें एंटीबॉडी एक महत्वपूर्ण है – खासकर संक्रमण के शुरुआती चरणों में। यदि आपके टाइटर्स बहुत कम हैं, तो बूस्टर शॉट की सिफारिश की जा सकती है।

Booster Dose in India [Hindi]: 9 महीने की शर्त है

18+ वालों के लिए बूस्टर डोज का ऐलान करते हुए केंद्र ने कहा है कि जो लोग 18 साल से अधिक उम्र के हैं और कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लिए 9 महीने का समय बीत चुका है, वे प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र होंगे। यह सुविधा सभी प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटरों पर उपलब्ध होगी।

FAQ About Booster Dose in Hindi

  • क्यों जरूरी है बूस्टर डोज? (Importance of booster dose)- रिसर्च में सामने आया है कि बूस्टर डोज एंटीबॉडी के लेवल को बढ़ा देती है. इसके बाद इम्यूनिटी पहले से ज्यादा मजबूत हो जाती है. हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि आपको कोरोना का खतरा नहीं है, लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को इससे काफी कम किया जा सकता है. 
  • किसे लग सकता है बूस्टर शॉट? (Who will get booster dose)- बूस्टर डो फिलहाल हेल्थ वर्कर या फ्रंटलाइन वर्कर को लगाए जा रहे हैं. ऐसे लोग जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी हैं. इसके अलावा 60 साल के अधिक उम्र के बीमार बुजुर्गों को भी बूस्टर डोज लगाई जा रही है. बूस्टर डोज में फ्रंटलाइन वर्कर के परिवार के लोग शामिल नहीं होंगे. 
  • कौन से वैक्सीन का बूस्टर शॉट लगाया जाएगा (Type of vaccine and booster dose)- आपने पहले जिस वैक्सीन दोनों डोज ली हैं आपको उसी का बूस्टर शॉट लगाया जाएगा. अगर आपने कोवीशील्ड की दोनों डोज लगवाई है तो आपको कोवीशील्ड का बूस्टर शॉट लगेगा. 
  • दूसरी डोज के कितने दिन बाद लगेगा बूस्टर शॉट (Duration of booster dose)- आपकी दूसरी डोज और बूस्टर लगवाने के बीच 39 हफ्ते यानी 9 महीने का अंतर होना जरूरी है. यानि अगर आपने अप्रैल में दूसरी डोज लगवाई है तो ही आपको बूस्टर डोज लग सकती है. 
  • कौन सी बीमारियों के मरीजों को लगेगा बूस्टर डोज? (Comorbidities)- अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो आपको बूस्टर शॉट लग सकता है. कॉर्डियोवैस्कुलर डिसीज, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट रेसिपिएंट, कैंसर, सिकल सैल डिसीज, डायबिटीज, किडनी डिसीज जैसी बीमारी से पीड़ित मरीज को बूस्टर शॉट लग सकता है.

बूस्टर की प्रभावशीलता

आँकड़ों से पता चलता है कि एक बूस्टर खुराक COVID-19 के खिलाफ 95.6 प्रतिशत प्रभावी है, जिसमें डेल्टा संस्करण भी शामिल है। इसकी तुलना उन लोगों से की जाती है जिन्हें बूस्टर नहीं मिला है. फिलहाल, बूस्टर खुराक के बाद संक्रमण और रोग के खिलाफ सुरक्षा की अवधि पर कोई डेटा (आँकड़ा) उपलब्ध नहीं है।

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Booster Dose in India [Hindi]: बूस्टर के दुष्प्रभाव

बूस्टर खुराक के दुष्प्रभाव प्राथमिक वैक्सीन खुराक से होने वाले दुष्प्रभाव की तरह हैं। इनमें इंजेक्शन की जगह पर दर्द, लालिमा या सूजन, सिरदर्द, मतली और थका हुआ या श्रांत महसूस करना शामिल है।

किन देशों में दी जा रही बूस्टर डोज

दुनिया के 36 से अधिक देशों में बूस्टर डोज दी जा रही हैं. इनमें इजरायल में 12 साल से अधिक के बच्चों को भी बूस्टर डोज दी जा रही है. वहीं ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक गणतंत्र, फ्रांस, जर्मनी, न्यूजीलैंड, हंगरी, स्वीडन, चीन, डेनमार्क, और इटली आदि देशों में लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है.

जानिए कितनी होगी कीमत?

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया है कि कोवीशील्ड (Covishield) बूस्टर डोज की कीमत 600 रुपए होगी। अब तक कुल 2.4 करोड़ लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव का टीका लग चुका है। इनमें से 82% लोगों को कोवीशील्ड का टीका लगा है। इसके अलावा जो वैक्सीन दी गई हैं उनमें कोवैक्सीन, Corbevax और रूस की स्पूतनिक V है।

बूस्टर शॉट्स के साइड इफेक्ट को कम करने के लिए टिप्सः

  • हल्का और बार-बार भोजन करें।
  • खूब सारा पानी पिएं क्योंकि हाइड्रेशन जरूरी है।
  • प्रोटीन और आसानी से पचने योग्य भोजन जैसे दही पर विशेष ध्यान देकर पोषक तत्वों का सेवन करें।
  • अपनी डाइट में अलग-अलग प्रकार के फूड्स शामिल करें।
  • फलों और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
  • डाइट में प्रोबायोटिक्स या प्रीबायोटिक्स और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन को सीमित करें और ज्यादा से ज्यादा मौसमी फलों का सेवन करें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें क्योंकि ये इम्यूनिटी को कम करने और संक्रमण की गंभीरता को बढ़ाती है।
Credit; Hindustan Times

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