Triple Talaq bill passed in Lok Sabha: Fresh News India.

आज फिर से देश की संसद में तीन तलाक (Triple Talaq) का मुद्दा उठा । पिछले ही कुछ महीनों पहले सरकार तीन तलाक (Triple Talaq) को गैरकानूनी घोषित करने के लिए विधायक लाई थी लेकिन यह केंद्र सरकार इसे राज्यसभा (Rajyasabha) में पास न करवा सकी । यह विधेयक पास इसलिए भी नही हुआ क्योंकि केंद्र और सत्ता पक्ष के पास इस विधायक को पास करवाने की पर्याप्त संख्या नही हो पाई थी जिस वजह से यह विधेयक अटक गया था। दूसरी ओर विपक्ष ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill in India) के कुछ प्रावधानों को लेकर राज्यसभा में आपत्ति भी जताई थी। वही केंद्रीय सरकार और तीन तलाक बिल (Bill) के पक्ष में देरी होते देख इसी वर्ष सितंबर में विपक्ष के कुछ प्रस्तावों को मानते हुए और उन्हें तीन तलाक बिल में शामिल करते हुए अध्यादेश लागू किया गया था ।
वही पुराना विधेयक अभी भी राज्यसभा में लंबित है। आज जो लोकसभा (Loksabha) में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पेश किया गया उसे लोकसभा से पास करवाना था । अगर यह संशोधित विधेयक अध्यादेश पास हो गया तो यह पुराने विधेयक की जगह ले लेगा।
सरकार (Government) की तरफ से तीन तलाक के बिल पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने गुरुवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने तीन तलाक (Triple Talaq) को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद भी देशभर में 248 मामले सामने आए हैं। वही दूसरी ओर मीडिया और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तीन तलाक को गैरकानूनी करार देने के बाद तीन तलाक मामलों की संख्या 477 बताई जा रही है।
Moved the Bill to ban instant Triple Talaq in Lok Sabha today. This is an effort to ensure gender justice, gender dignity and gender parity. pic.twitter.com/Sh2P5wi8iT
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 27, 2018
कानून रविशंकर प्रसाद ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा तीन तलाक के मामले सामने आए हैं। केंद्रीय कानून रविशंकर प्रसाद ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारी सरकार यह विधेयक सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को न्याय और उनके मूलभूत अधिकार दिलाने के लिए है,यह न कि किसी धर्म, समुदाय,व्यक्ति या विचार विशेष के खिलाफ। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अन्य 20 इस्लामिक देशों का भी वर्णन कर कहा कि जब 20 इस्लामिक देश तीन तलाक को गैरकानूनी मान कर उस पर प्रतिबंध लगा सकते है तो हम क्यों नही ?
केंद्रीय सरकार (Central Government) ने तीन तलाक (Triple Talaq) जो बिल लोकसभा (Loksabha) में पेश किया है वह पहले वाले बिल में कुछ संशोधित करके लोकसभा में विधेयक पेश किया गया है। इस संशोधित विधेयक में पीड़िता ओर उससे खून का रिश्ता रखने वालों,विवाह से बने उसके रिश्तेदारों द्वारा ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवा सकने का प्रावधान है।
वही इस संशोधित विधेयक तीन तलाक बिल में अगर तीन तलाक का कोई मामला सामने आता है तो यह गैर जमानती अपराध तो होगा ही, लेकिन मजिस्ट्रेट द्वारा पीड़िता का पक्ष सुनकर सुलह करा और जमानत भी दे सकेंगे। वही दूसरी ओर पीड़ित महिला मुआवजे की हकदार होगी ओर पति को होगी तीन साल की जेल ।
अब लोकसभा (Loksabha) में आने वाले दिनों में तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हो पाता है या नही यह देखने लायक होगा।
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