Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: गूगल आज दुनिया में प्रख्यात बबल टी की लोकप्रियता का जश्न मना रहा है। गूगल ने मनमोहक एनिमेशन के माध्यम से अपने होमपेज पर बबल टी की लोकप्रियता के लिए एक इंटरैक्टिव डूडल गेम पेश किया है। बबल टी एक प्रकार का पेय पदार्थ है जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सारे प्रशंसकों को अपनी ओर आकर्षित किया था। कोविड के समय से ही यह ट्रेंड कर रहा है। आज आप सभी गूगल के इंटरैक्टिव टूल डूडल के जरिए डिजिटल बबल टी की सुविधा पा सकते हैं।
बबल टी क्या है?
बबल टी को पर्ल मिल्क टी या बोबा टी के नाम से भी जाना जाता है. बबल टी की शुरुआत ताइवान से हुई थी. यह मुख्य तौर पर रास्पबेरी, हनीड्यू, मैचा, मोचा सहित कई स्वादों में आती है. इसमें फ्रूट जेली या टैपिओका से बनी कुछ चबाने लायक बॉल्स को मिला देने भर से ही इसका स्वाद कई गुणा बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में बबल टी ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल कर ली है. गूगल ब्लॉग पेज के अनुसार, बबल टी एक स्थानीय पेय पदार्थ था, लेकिन कुछ ही सालों में इसने वैश्विक लोकप्रियता हासिल कर ली. साल 2020 में बबल टी को एक नये इमोजी के रूप में पेश किया गया.
बोबा टी या पर्ल मिल्क टी के नाम से भी जानी जाती है बबल टी
बबल टी को बोबा टी या पर्ल मिल्क टी के नाम से भी जाना जाता है। बबल टी की शुरुआत ताइवान से हुई थी। हनीड्यू, मटका, रास्पबेरी, मोचा – स्वाद कोई भी हो, फ्रूट जेली या टैपिओका से बनी कुछ चुलबुली गेंदों में मिलाना न भूलें। पिछले कुछ ही सालों में बबल टी ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की थी। गूगल ब्लॉग पेज के मुताबिक साल 2020 में बबल टी को एक नए इमोजी के रूप में पेश किया गया था। बबल टी एक स्थानीय पेय पदार्थ था लेकिन कुछ ही सालों के अंदर इसने वैश्विक लोकप्रियता हासिल कर ली थी।
Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: डिजिटल भी बना सकते हैं बबल टी
बबल टी ताइवान में एक स्थानीय उपचार के रूप में शुरू हुई थी। हालांकि यह पेय पदार्थ दुनिया में 21 वी सदी में फेमस हुआ है लेकिन ताइवान में यह लगभग 17 वीं शताब्दी से ही है। डिजिटल बबल टी बनाने के लिए आपको बस Google डूडल पर क्लिक करना है और जिसके बाद तुरंत स्क्रीन पर एक एनीमेशन चलना शुरू हो जाएगा। इसके बाद आपको अपनी खुद की बबल टी को ऑनलाइन बनाने का विकल्प मिल जाएगा। आपको 29 जनवरी को इंटरैक्टिव और रंगीन Google डूडल में बबल टी का अपना सही कप डिजाइन करने के लिए दूध और बोबा बॉल जैसी सभी इंग्रिडीडीयेंट्स को क्लिक कर रखना होगा।
सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में फेमस है बबल टी
Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: बबल टी का मोर्डन वर्जन चबाने वाले बुलबुलों के साथ 1980 के दशक तक नहीं बना था। ताइवान के लोगों ने अलग अलग देशों मे ला कर इसकी लोकप्रियता को बढ़ा दिया है। इसलिए ही बबल टी में बदलाव जारी रहा है। दुनिया भर में बबल टी की दुकानें हैं। जो कि नए स्वाद, सामग्री और नवाचारों के साथ बबल टी को प्रयोग करना जारी रखती हैं। यह चलन पूरे एशिया में पारंपरिक चाय के रूप में फैल गया है। बता दें कि बबल टी सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में बेहद ही लोकप्रिय है।
बबल टी की लोकप्रियता ऐसे बढ़ी
बबल टी को पर्ल मिल्क टी या बोबा टी के नाम से भी जाना जाता है. बबल टी की शुरुआत ताइवान से हुई थी. यह मुख्य तौर पर रास्पबेरी, हनीड्यू, मैचा, मोचा सहित कई स्वादों में आती है. इसमें फ्रूट जेली या टैपिओका से बनी कुछ चबाने लायक बॉल्स को मिला देने भर से ही इसका स्वाद कई गुणा बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में बबल टी ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल कर ली है. गूगल ब्लॉग पेज के अनुसार, बबल टी एक स्थानीय पेय पदार्थ था, लेकिन कुछ ही सालों में इसने वैश्विक लोकप्रियता हासिल कर ली. साल 2020 में बबल टी को एक नये इमोजी के रूप में पेश किया गया.
बबल टी की लोकप्रियता कैसे बढ़ी
गूगल ने इस चटपटे और दूधिया पेय की उत्पत्ति के बारे में बताया है कि बबल टी की जड़ें पारंपरिक ताइवानी चाय संस्कृति में हैं, जो 17वीं शताब्दी की शुरुआत की हैं. यह ताइवानी पेय एक स्थानीय उपचार के रूप में शुरू हुआ और पिछले कुछ दशकों में यह जबरदस्त ढंग से लोकप्रिय हुआ है. बबल टी सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में बेहद लोकप्रिय है. बबल टी का आधुनिक रूप चबाने वाले बुलबुलों के साथ 1980 के दशक तक नहीं आया था.
■ Also Read: World Food Day [Hindi]: क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?
ताइवान के लोगों ने विभिन्न देशों में ले जाकर इसे पॉपुलर कर दिया. तब से ही बबल टी में बदलाव जारी है. दुनिया भर में मौजूद बबल टी की दुकानों ने नये स्वाद, सामग्री और बनाने के नये तरीकों के साथ इसका इस्तेमाल जारी रखा है. बबल टी का ट्रेंड पूरे एशिया में पारंपरिक चाय के रूप में फैल गया है.
Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: बबल टी या बोबा टी बनाने की विधि (Recipe)
सबसे पहले पैन में पानी रखें और उसमे टेपिओका बॉल्स को डालकर उबालें। जब ये अच्छे से फूल जाएं तो गैस बंद कर दें। अब किसी दूसरे पैन में पानी डालकर चाय की पत्ती को उबालें। जब ये उबल जाए तो चाय छानकर ठंडा हो जाने दें। फिर इस चाय को फ्रिज में डाल दें।
■ Also Read: Encourage yourself and others to Be Vegetarian on World Vegetarian Day
टैपिओका बॉल्स को ठंडे पानी से धोकर हल्के हाथों से निचोड़ दें। लेकिन ध्यान रहे कि ये बिल्कुल भी मैश ना होने पाए और ना ही पैन में चिपकें। इन बॉल्स को किसी बाउल में निकाल लें। इसके ऊपर ब्राउन शुगर या शहद डालकर मिक्स करें। मिठास को बढ़ाने के लिए ब्राउन शुगर की सीरप बना लें। अब सर्विंग गिलास में टेपिओका के बॉल्स और शुगर सीरप को डालें। चाय डालें और साथ में ठंडे दूध को डालकर मिक्स करें। बस तैयार है टेस्टी बबल टी।
Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: कैसे बनती है बोबा चाय

बोबा टी को बबल-टी और पर्ल मिल्क टी भी कहते हैं। इस चाय को काले, सफेद और हरे रंग के बेस के साथ बनाया जाता है। फिर दूध के साथ मिलाकर इसमें चबाने वाले टैपिओका मोती मिलाए जाते हैं। ये मोती चाय के ऊपर तैरते बुलबुले की तरह दिखते हैं। यह पारंपरिक चाय अक्सर तैयार बोबा को लेयर्ड करके बनाई जाती है। मीठे स्वाद के साथ फिसलन वाली बनावट बोबा टी की खासियत है।
इसकी एक और खासियत है कि यह कई फ्लेवर्स और कॉम्बिनेशन में आती है। कई प्रकार के फल, सिरप, हलवा, जेली और मेवा हैं, जिन्हें बबल टी में मिलाया जा सकता है। इसे मलाईदार बनाने के लिए किसी प्रकार की क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बोबा चाय का स्वाद कैसा है

इस तरह की चाय का स्वाद पूरी तरह से फल के सिरप या फ्लेवर्स पर निर्भर करता है। इसका स्वाद मीठे और सैकरीन से लेकर अखरोट या मिट्टी जैसा हो सकता है। कुछ किस्मों में कड़वा और खट्टापन भी महसूस होता है। इसके कुछ पॉपुलर फ्लेवर्स में पैशन फ्रूट, आम, स्ट्रॉबैरी, केला, तरबूज, अदरक, चॉकलेट और कीवी शमिल हैं।
Bubble Tea Google Doodle [Hindi]: इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाए

बोबा चाय में इस्तेमाल की जाने वाली हरी चाय का बेस एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यही वजह है कि यह प्रतिरक्षा को कम करने वाले फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। इसके अलावा विटामिन सी से भरपूर फल जैसे ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी भी इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद करते हैं।
बोबा चाय की कमियां

- इस चाय में चीनी की मात्रा बहुत होती है, जो जरूरी नहीं कि सभी के लिए फायदेमंद हो। खासतौर से अगर आप डायबिटिक पेशंट है, तो बोबा चाय आपके लिए अच्छी नहीं है। हालांकि ड्रिंक में शुगर लेवल कम करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाली औषधि बन जाती है, लेकिन कैलोरी और अन्य गुण स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
- इस ड्रिंक का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर की चर्बी को बढ़ाकर आपको मोटा बना सकता है। जिससे कई गंभीर रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
- जिन लोगों को जड़ वाली सब्जियों से एलर्जी है, उन्हें इस चाय को पीने से बचना चाहिए।
- आप बोबा टी को सोया दूध, बादाम दूध और नारियल जैसे स्वस्थ विकल्पों के साथ आजमा सकते हैं।
1988 में हुई थी बबल टी की शुरुआत
उन्नीसवीं सदी में अमेरिका में चाय वहां के मुख्य पेय में शामिल थी। वह लोगों के जीवन का हिस्सा थी। 1904 में अमेरिका के मिसौरी स्थित सेंट लुईस शहर में एक दोपहर एक व्यापारी आम दिनों की तरह ही गर्म चाय बेच रहा था। चूंकि वह दिन आम दिनों की अपेक्षा थोड़ा गर्म था। इसलिए उसकी बिक्री कुछ खास नहीं थी। उस व्यापारी ने अपने नजदीक के आइसक्रीम बेचने वाले दुकानदार से थोड़ी सी बर्फ खरीदी और चाय में आइस मिलाकर बेचना शुरू कर दी। आइस टी का यह स्वाद ना सिर्फ लोगों को पसंद आया, बल्कि देखते ही देखते कई और लोगों ने इस आइस टी को बेचना शुरू कर दिया।
ऐसा माना जाता है कि आइस टी की ईजाद के बाद दुनिया के कोनों- कोनों में यह प्रसिद्ध होती चली गई। आज हम बात पर्ल टी या बबल टी की कर रहे हैं। इसके बैकग्राउंड में भी आइस टी ही है। बबल टी पहली बार 1980 में ताईवान में पॉपुलर हुई थी, हालांकि इसका असल में ईजाद कहां हुआ है। इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है। कई टी वेंडर्स खुद को बबल टी का प्रणेता मानते हैं। वैसे बबल टी को पॉपुलर करना का श्रेय ताइचुंग (ताइवान) स्थित एक टी हाउस ‘चुन शुई तांग’ के लुई हा-ची को जाता है।
Leave a Reply