G20 Summit 2022 [Hindi]: बुधवार को इंडोनेशिया की राजधानी बाली में समूह-20 देशों के शीर्ष नेताओं की तरफ से जारी घोषणापत्र को अंतिम रूप देने में भारतीय कूटनीति की अहम भूमिका रही। यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से सदस्य देशों के बीच घोषणापत्र के कुछ अहम बिंदुओं को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही थी। इस बारे में 15 दौर की मंत्रिस्तरीय वार्ता के बावजूद पूरा संगठन दो खेमे में बंटा हुआ था।
क्या है G-20 ग्रुप?
G20 ग्रुप का गठन 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है। G20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G-20 सम्मेलन में स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।
बगैर घोषणापत्र के ही समापन पर तैयार था पश्चिमी देशों का तबका
खास तौर पर अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का तबका बगैर घोषणापत्र के ही बाली बैठक के समापन पर तैयार था। तब भारतीय प्रतिनिधियों ने संगठन के दूसरे विकासशील देशों के साथ मिल कर सहमति बनाने की कोशिश की जिसका नतीजा यह निकला कि मंगलवार को स्थगित होने के बाद बुधवार (16 नवंबर, 2022) को शीर्ष नेताओं की तरफ से बाली घोषणापत्र जारी किया गया।
पहली बार सभी राष्ट्र प्रमुखों का संयुक्त फोटो नहीं लिया जा सका
संयुक्त घोषणापत्र जारी होने के बावजूद सदस्य देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है। रही-सही कसर 14 और 15 नवंबर को यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान पड़ोसी देश पोलैंड पर मिसाइलों के गिरने से खराब हो गई। संभवतः यह एक बड़ी वजह रही कि बाली बैठक के दौरान सभी राष्ट्र प्रमुखों का संयुक्त फोटो नहीं लिया जा सका। जी-20 बैठक के दौरान यह पहला मौका है, जब सदस्य देशों के प्रमुखों का कोई संयुक्त फोटो नहीं खींची गई है। ऐसे में अब सितंबर, 2023 में नई दिल्ली में होने वाली जी-20 की अगली शीर्ष स्तरीय बैठक के दौरान ही संयुक्त फेमिली फोटो खींचने का अवसर मिलेगा। भारतीय दल यह मान रहा है कि जी-20 की नई दिल्ली बैठक काफी सामान्य माहौल में होगा।
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भारत के अन्य विचारों को भी किया गया शामिल
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा व ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी भारत के विचार शामिल किये गये हैं। कोविड महामारी के संदर्भ में भारत ने एक अंतरराष्ट्रीय फंड सृजित करने का सुझाव दिया था, जिसे भी स्वीकार किया गया है। डिजिटल इकोनोमी के क्षेत्र में भारत की प्रगित को बड़े पैमाने पर दूसरे देशों आजमाने का रास्ता भी इस घोषणापत्र से खुला है।
G20 Summit 2022 [Hindi]: भारत कौ सौंपी गई अध्यक्षता
इंडोनेशिया ने जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंप दी है। हैंडओवर समारोह बाली में रखा गया था।
G20 के इशारों पर चलती है दुनिया
जी-20 दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों का एक समूह है. इस समूह की ताकत का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि पूरी दुनिया की इकोनॉमी में जी-20 की हिस्सेदारी 80% है. अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और भारत जैसे टॉप 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इस समूह का हिस्सा हैं. इन देशों के नेता हर साल जुड़ते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने पर चर्चा करते हैं.
ग्लोबल ट्रेड में G20 की हिस्सेदारी 75%
G20 Summit 2022 [Hindi]: जी-20 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ग्लोबल ट्रेड में इस समूह की हिस्सेदारी 75% है. जी-20 में शामिल भारत बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है. IMF के अनुसार 2023 में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा. वहीं रूस, इटली और जर्मनी जैसे विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी गिरावट आएगी. ग्लोबल ट्रेड पर रूस-यूक्रेन युद्ध का भी प्रभाव पड़ रहा है.
G20 Summit 2022 [Hindi]: अगले साल भारत में होगी G20 की बैठक
G20 देशों में भारत का दबदबा बड़ी तेजी के साथ बढ़ा है. G20 देशों की बैठक की अध्यक्षता भारत करेगा. अगले साल दिसंबर में भारत की राजधानी नई दिल्ली में G20 की बैठक आयोजित की जाएगी. बाली में ही पीएम मोदी G20 के सभी देशों को अगले साल भारत आने का न्यौता देकर आएंगे. G20 की अध्यक्षता को लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि 1 दिसंबर 2022 से भारत औपचारिक रूप से G20 की अध्यक्षता संभालेगा. उन्होंने कहा कि मैं अगले साल G20 शिखर सम्मेलन के लिए सभी सदस्य देशों के नेताओं को निजी तौर पर निमंत्रित करूंगा.
पीएम मोदी कल इन देशों के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 16 नवंबर को बाली, इंडोनेशिया में G20 शिखर सम्मेलन में इंडोनेशिया, स्पेन, फ्रांस, सिंगापुर, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
G20 Summit 2022 [Hindi]: जी20 के मेंबर्स कौन से देश हैं
जी20 सम्मेलन में शामिल होने वाले देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है।
वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित होगी भारत की अध्यक्षता
यात्रा के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि हमारे देश और नागरिकों के लिए इस महत्वपूर्ण क्षण में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को जी20 प्रेसीडेंसी सौंपेंगे। भारत आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर 2022 से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। मैं अगले साल जी20 शिखर सम्मेलन में जी20 सदस्यों और अन्य आमंत्रित लोगों को भी अपना व्यक्तिगत निमंत्रण दूंगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी बातचीत के दौरान मैं भारत की उपलब्धियों और वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालूंगा। भारत की जी20 की अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य’ विषय पर आधारित होगी, जो सभी के लिए समान विकास और साझा भविष्य के संदेश को रेखांकित करती है।
G20 Summit 2022 Theme [Hindi]: साथ बढे़ं, सशक्त बनें’ थीम
‘साथ बढे़ं, सशक्त बनें’ थीम पर आधारित इस सम्मेलन में प्रमुख वैश्विक समस्या से जुड़े मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के तीन सत्र होंगे। इन सत्रों में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला नेतृत्व विकास और डिजिटल परिवर्तन पर विचार-विमर्श होगा। यह सम्मेलन भारत के लिए खास माना जा रहा है।
G20 Summit 2022 [Hindi]: खाद्य संकट पर जताई चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है। इसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए।
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भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है।
दुनिया के विकास के लिए भारत महत्वपूर्ण- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। क्योंकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी। इसके साथ ही उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा का भी जिक्र किया।
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