Gama Pehalwan Google Doodle [Hindi] | रुस्तम-ए-हिंद’ के नाम से फेमस गामा पहलवान एक दिन में 5000 बैठक और 1000 से ज्यादा पुशअप लगाने के लिए जाने जाते थे. वह दुनिया में कभी किसी भी पहलवान से नहीं हारे. उनके चेहरे पर गजब का तेज था. इनके बचपन का नाम ग़ुलाम मुहम्मद था और इन्होंने महज 10 साल की उम्र में ही पहलवानी शुरू कर दी थी. गामा का जन्म 22 मई 1878 को अमृतसर में हुआ था. गामा अपने 52 वर्ष के करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे.
22 मई 1878 को यानी आज ही के दिन कुश्ती की दुनिया की एक अहम शख्सियत का जन्म हुआ था. गूगल भी आज उस शख्सियत के 144वें जन्मदिन का उत्सव मना रहा है. इसके लिए खास गूगल डूडल (Google Doodle) बनाया गया है. इस शख्सियत का नाम है- गामा पहलवान. कहा जाता है कि अपने 52 साल के करियर में गामा पहलवान दुनिया में कभी किसी से नहीं हारे. कई बड़े-बड़े पहलवान उनका नाम सुनकर ही मुकाबला खेलने से पीछे हट जाया करते थे. जानते हैं इस हस्ती के जीवन से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातें-
गामा पहलवान की शारीरिक संरचना
5 फुट 7 इंच के हाइट वाले गामा पहलवान ने उस दौर में विश्व के लगभग हर लंबे पहलवान को धूल चटाई थी. रहीमबख्श सुल्तानीवाला पहलवान को मात देने के बाद गामा पहलवान का नाम भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में फेमस हो गया था. बताया जाता है कि कुछ विदेशी पहलवान तो उन्हें देखकर मैदान छोड़कर भाग जाया करते थे. गामा पहलवान की मृत्यु 23 मई 1960 को लाहौर पाकिस्तान में हुई. वे लंबे वक्त से बीमार थे. उनकी बीमारी का सारा खर्चा पाकिस्तान सरकार ने उठाया था.
गामा पहलवान की शारीरिक संरचना (लगभग) | |
गामा पहलवान की लम्बाई | 173 cm 1.73 m 5’ 8” ft inch |
गामा पहलवान का वजन/भार | 110 kg |
गामा पहलवान की शारीरिक संरचना | छाती: 46 inch कमर: 34 inch Biceps: 22 inch |
गामा पहलवान की आँखों का रंग | काला |
गामा पहलवान की बालों का रंग | काला ( बाद में सफ़ेद ) |

नाना ने सिखाएं के कुश्ती के दाव-पेंच
गामा पहलवान(Gama Pahalwan) जब 6 वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। 6 वर्ष की उम्र में ही गामा पहलवान(Gama Pahalwan) की कुश्ती की ट्रेनिंग शुरू हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद गामा पहलवान(Gama Pahalwan) के नाना नून पहलवान ने उन्हें कुश्ती के दांव पेच सिखाएं व ट्रेनिंग दी। गामा को ट्रेन्ड करने में गामा(Gama Pahalwan) के मामा ईदा पहलवान की भी अहम भूमिका है।
गामा पहलवान का जन्म एवं शुरुआती जीवन
गामा पहलवान का जन्म एक मुस्लिम परिवार में 22 मई 1878 हुआ था। उनके पिता का नाम मुहम्मद अजीज था जो अपने में एक मशहूर पहलवान थे । वह पंजाब के एक ऐसे कुश्ती परिवार से आते थे जो विश्व स्तरीय पहलवानों को पैदा करने के लिए जाना जाता था। इतिहासकारों द्वारा बख्श परिवार को मूल रूप से कश्मीरी ब्राह्मण (बुट्टा) माना जाता है, जो कश्मीर में मुस्लिम शासन के दौरान इस्लाम में परिवर्तित हो गए थे।
गामा पहलवान की शादी ,पत्नी
गामा ने अपने जीवन में दो बार शादी की ; वज़ीर बेगम और एक और। उनके पांच बेटे और चार बेटियां थीं । उनकी पोती कलसूम नवाज नवाज शरीफ की पत्नी हैं । कलसूम की बहन सायरा बानो , जो गामा की पोती भी हैं , झारा पहलवान की पत्नी हैं ।
लंदन ने रेसलर को दी चुनौती
गामा ने सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन किया। गामा को लेकर कहा जाता है कि 1910 में गामा लंदन पहुंच गए और वहां पर गामा(Gama Pahalwan) ने किसी भी वेट कैटेगरी के तीन पहलवानों को एक साथ 30 मिनट के अंदर धूल चटाने की चेतावनी दे डाली। हालांकि, शुरुआत में गामा की चेतावनी को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और कोई भी पहलवान गामा से लड़ने के लिए नहीं आया। गामा(Gama Pahalwan) को जब यह महसूस हुआ कि उनकी चुनौती को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है तो उन्होंने विश्व चैंपियन स्टेनिस्लाउज रोलर फ्रैंक वॉच को चुनौती दी।
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मुकाबले में गामा ने पहली बार में ही रोलर को 1 मिनट 40 सेकंड में मात दे दी। उसके बाद गामा ने कई पहलवानों को विदेशी सरजमीं पर चित किया। यहीं से गामा(Gama Pahalwan) की प्रसिद्धि पूरे विश्व में फैल गई। देश से लौटने के बाद गामा रुस्तम-ए-हिंद बन गए थे।
मथुरा के चंद्रसेन टिक्की वाले से गामा के हारने का किस्सा
रुस्तम-ए –हिंद गामा दुनिया में कुस्ती के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम होने के बावजूद भी गामा(Gama Pahalwan) का एक किस्सा उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से जुड़ा हुआ है। लोक कहानियों में जिक्र आता है कि मथुरा के चंद्रसेन टिक्की वाले पहलवान ने गामा को कोलकाता में जाकर चुनौती दी और उसके बाद उन्हें परास्त भी किया। प्रसिद्ध उपन्यासकार अभिनंदन शर्मा ने अपने लेख में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि मथुरा के प्रसिद्ध पहलवान बलदेव पहलवान ने अपनी उम्र अधिक हो जाने के चलते गामा को हराने की जिम्मेदारी मथुरा के नौजवान पहलवान चंद्रसेन टिक्की वाले को दी। चन्द्रसेन ने कुश्ती लड़ने से मना कर दिया।
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जिसके बाद बलदेव ने कहा कि तुम्हारे लंगोट पर मैं 5000 रुपये लगाता हूं जिसके बाद चंद्रसेन गामा से टक्कर लेने के लिए कोलकाता पहुंच गए। चंद्र सेन ने जब गामा को चुनौती दी तो गामा के सहयोगियों ने चंद्रसेन से कुश्ती न लड़ने की बात कही। लेकिन चंद्रसेन पक्का इरादा करके गए थे। इसके बाद कोलकाता में अखाड़ा सजा और दोनों पहलवान आमने-सामने हुए। पहले ही दांव में गामा ने चंद्रसेन पहलवान का अंगूठा चीर दिया। अखाड़े में खून ही खून फैल गया। चंद्रसेन को समझ में नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। कुश्ती दोबारा शुरू हुई और इस बार पहले ही दांव में चंद सेन ने गामा को पटखनी दे दी। (किस्सा अभिनंदन शर्मा द्वारा लिखा गया है जो इंटरनेट पर शास्त्र ज्ञान के नाम से पढ़ने को मिलता है पत्रिका द्वारा इससे की सत्यता प्रमाणित नहीं की जाती है)
52 वर्ष के करियर में नहीं हारा कोई मुकाबला
गामा पहलवान रुस्तम-ए-हिंद के नाम से फेमस हैं. गामा पहलवान एक दिन में 5000 बैठक और 1000 से ज्यादा पुशअप लगाने के लिए जाने जाते थे. वह दुनिया में कभी किसी भी पहलवान से नहीं हारे. उनके चेहरे पर गजब का तेज था. इनके बचपन का नाम गुलाम मुहम्मद था. उन्होंने महज 10 साल की उम्र में ही पहलवानी शुरू कर दी थी. गामा अपने 52 वर्ष के करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे.
Gama Pehlwan Google Doodle [Hindi] : एक दिन में 1000 से ज्यादा पुशअप
गामा पहलवान को ‘रुस्तम-ए-हिंद’भी कहा जाता है. वह एक दिन में 5000 बैठक और 1000 से ज्यादा पुशअप लगा लेते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने पत्थर के डम्बल से अपनी बॉडी बनाई थी. कहा जाता है कि गामा पहलवान ने एक बार 1200 किलो के पत्थर को उठाकर कुछ दूर चलने का कारनामा कर दिखाया था.फेमस मार्शल आर्टिस्ट ब्रूस ली से भी गामा बेहद प्रभावित थे.
Gama Pehalwan Google Doodle [Hindi] | पंजाब और लंदन में शूटिंग
गामा पहलवान का असली नाम गुलाम मुहम्मद बक्श बट था और वह भारत के ही नहीं पूरे विश्व में अपने समय के सबसे महान पहलवान थे, उस समय में ऐसा कोई नहीं था जो इन्हें हरा सके। टीवी पर कपिल शर्मा के शो को प्रोड्यूस करने के बाद सलमान ने सोहेल खान के साथ इस सीरीज को बनाने का जो मन बनाया था, उस पर सूत्रों के मुताबिक अभी पूरी तरह से ताला तो नहीं लगा है लेकिन ये सीरीज फिर कब शुरू होगी, इसे लेकर भी कोई तय राय भाइयों के बीच नहीं है। शो के कुछ हिस्सों की शूटिंग पंजाब के साथ साथ लंदन मे भी होनी है।
Gama Pehalwan Google Doodle [Hindi] | 82 साल की उम्र में हुई मौत
बंटवारे के वक्त गामा पहलवान पाकिस्तान में ही रह गए थे। पाकिस्तान में वहां की सरकार ने गामा पहलवान का ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद अपने आखिरी दिनों में पैसों की तंगी के साथ गुजारा करते थे। गामा पहलवान की 82 साल की उम्र में साल 1960 में मृत्यु हो गई। गामा पहलवान को ‘रुस्तम-ए-हिंद’भी कहा जाता है। आपको बता दें कि महान मार्शल आर्टिस्ट और एक्टर ब्रूस ली भी अपनी एक्सरसाइज में दंड बैठक को शामिल कर लिया था; इसके पीछे की वजह गामा पहलवान ही थे।
गामा पहलवान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या गामा पहलवान धूम्रपान करते थे? ज्ञात नहीं
- क्या गामा पहलवान शराब पीते थे? ज्ञात नहीं
- उनका जन्म गांव जब्बोवाल अमृतसर में कश्मीरी परिवार में हुआ था।
- उनका परिवार विश्व स्तर के पहलवानों की वजह से जाना जाता है।
- जब गामा 6 वर्ष के थे, तो उनके पिता मोहम्मद अजीज बक्श का देहांत हो गया था जो कि एक प्रसिद्ध पहलवान थे।
- उनके पिता की मृत्यु के बाद, गामा पहलवान की देखभाल उनके नाना और नून पहलवान ने की थी। नून पहलवान की मृत्यु के बाद उनके चाचा इदा ने उनकी देखभाल की और उन्होंने ही गामा पहलवान को कुश्ती में पहली बार प्रशिक्षण दिया।
- सन 1888 में, 10 वर्ष की आयु में गामा को पहली बार सार्वजनिक रूप से देखा गया था। जब उन्होंने जोधपुर में आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया था। प्रतियोगिता में गामा का स्थान 15 नंबर पर था। जोधपुर के महाराजा गामा के प्रदर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गामा को विजेता घोषित कर दिया।
FAQ about Gama Pehalwan Google Doodle [Hindi]
1200 किग्रा का
गामा पहलवान की डाइट ऐसी थी जो आपके होश उड़ा देगी। सूत्रों के अनुसार, उनके दैनिक आहार में 2 गैलन (7.5 लीटर) दूध, 6 देसी मुर्गियां और एक पाउंड से अधिक कुचले हुए बादाम के पेस्ट को टॉनिक पेय में शामिल किया गया था।
गामा पहलवान
गामा पहलवान
5 फुट 8 इंच
23 मई 1960
Gama Pehalwan Google Doodle [Hindi] | इसलिए दी गई डूडल में जगह
गूगल के डूडल में दिखाई देने वाले ये शख्स भारतीय पहलवान गामा पहलवान “द ग्रेट गामा” हैं. आज उनका 144वां जन्मदिन है. डूडल में उनकी पहलवान लुक वाली तस्वीर बनाई गई है. उनके दाहिने हाथ में चांदी का गदा दिखाई दे रहा है. जो उन्हें वेल्स के राजकुमार ने दिया था. ऐसे में गूगल ने डूडल बनाकर इन्हें सम्मानित किया है. गामा पहलवान का जन्म 22 मई 1878 को पंजाब प्रांत के जब्बोवाल गांव में हुआ था. इन्होंने अपनी लगन, जज्बे और कड़ी मेहनत से दुनियाभर के कई बड़े पहलवानों को हराया था.
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