
13 January को Happy Lohri Festival 2019 है और सिख Religious के लोग Lohri 2019 पर google पर wises, quotes व celebration बहुत search करते है: Fresh News blog
धर्म के दसवें बादशाह गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती (Guru Govind Singh Jayanti) का त्यौहार है, लोहड़ी (Happy Lohri festival 2019) के त्योहार के साथ-साथ को पंजाबी समुदाय के लोग हर वर्ष 13 जनवरी के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती भी बड़ी धूमधाम से मनाते है ।
Happy Lohri 2019 Celebration Wishes.
दिल की ख़ुशी और अपनों का प्यार;
मुबारक हो आपको लोहरी का त्यौहार ||
लोहरी की शुभकामनाएँ !
दरसल लोहड़ी का त्यौहार (Lohri Festival) पंजाबी ही नही बल्कि भारत ओर विदेशों में बसे भारतीय मूल के सभी लोग बड़ी धूमधाम ओर उत्साह के साथ मनाते है । हर वर्ष की तरह इस बार भी 13 जनवरी को लोहड़ी ओर गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव भी है, सुबह सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा और रात में लोहड़ी
Guru Gobind Singh Jayanti 2019
गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) जी के जन्मदिन को गुरु गोविंद सिंह जयंती (Guru Govind Singh Jayanti) या गुरु पर्व (GuruPurab) के नाम से जाना जाता है ।
सिख धर्म में सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Govind Singh) जी का जन्म बिहार के पटना में 22 दिसम्बर, सन 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ था । गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन का नाम गोविंद राय (Govind Rai) था । गुरु गोबिंद सिंह जी (Guru Govind Singh) 9 वर्ष की उम्र में ही गुरु की उपाधि पर विराजमान हो गए थे । गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर सिंह जी (Guru Teg Bahadur Singh) ओर माता नाम माता गुजरी था
सन 1699 में गुरु गोविंद सिंह जी ने बैसाखी (Baishaki) के दिन अपने 5 शिष्यों को लेकर खालसा पंथ की स्थापना करि थी । सिख धर्म में गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Govind Singh) को शौर्य और अध्यात्मिक ज्ञान के प्रतीक के तौर पर भी माना जाता है । गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) जी को शौर्य और बलिदान के लिए भी जाना जाता है । जीवन में आगे बढ़ने के लिए गुरु गोविंद सिंह ने लोगों को शिक्षा देते थे ।
गुरु गोविंद सिंह जी को त्याग और वीरता की मूर्ति भी माना जाता है। उन्होंने अपने जीवन मे 14 युद्ध लड़े ओर उस दौरान उन्होंने अपने दो बेटों ओर परिवार को भी खो दिया । इसलिए उन्हें सर्वस्वदनी कहा जाता है । गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु 7 अक्टूबर सन् 1708 ई. को हो गयी थी ।
Happy Lohri Festival 2019 Celebration.
लोहड़ी के दिन लोग अपने घरों और पार्कों या अपने घरों के बाहर लोहड़ी पूजन की सामग्री एकत्रित कर शाम को लोहड़ी जलाते है । सर्दी के मौसम में आग का घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाई जाती है ।
दुल्ला भट्टी की कहानी में बताया जाता है कि मुग़ल काल मे मुगलों के वक्त में एक दुल्ला भट्टी नामक के युवक ने पंजाब की स्त्रियों,लड़कियों की रक्षा मुग़लो से करि थी । इसलिए दुल्ला भट्टी को हीरो के रूप में देखा जाता है और लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाई जाती है । लोहड़ी के दौरान रेवड़ी, मूंगफली और लावा बाँटकर खुशी मनाते है और एक दूसरे को खिलाकर खुशी बड़ी धूम-धाम से मनाते है ।
पंजाबी समुदाय के लोग लोहड़ी के त्यौहार (Lohri Festival) को पूरी श्रद्धा के साथ मानते हैं ।
लोहड़ी के त्यौहार से अगले ही दिन माघ पूर्णिमा ( माघी संगरांद ) भी मनाई जाती है । इसका अर्थ यह होता है कि सिख धर्म के किसानों के लिए नए आर्थिक साल की शुरुआत इस दिन से हो जाती है।
दरसल ऐसी मान्यता है कि इस त्यौहार को कई वर्षों पहले फसलों की बुआई और कटाई से जोड़कर माना जाता था । और आज की तरह ही आग जलाकर लोग उसके आस-पास नाचकर जश्न मनाया करते थे ।
लेकिन आज कल आधुनिकीरण के चलते लोहड़ी मनाने का तरीका बदल गया है। अब ज्यादातर लोग लोहड़ी के त्यौहार के दिन अपने पारंपरिक पहनावे और पकवानों की जगह आधुनिक पहनावे और पकवानों को भी इस त्यौहार में शामिल कर लिया है । देखने मे यह भी आता है कि अब इस उत्सव को कुछ सालों पहले तक जैसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता वैसे अब नही मनाते है
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