World Human Rights Day 2022 history, significance and theme: विश्व भर में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया जाता है. बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के अत्याचारों ने मानव अधिकारों के महत्व को एक ‘अंतर्राष्ट्रीय प्राथमिकता’ बना दिया था. जिसके बाद से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाने की याद दिलाता है.
डिग्निटी, फ्रीडम और जस्टिस फॉर ऑल मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगांठ 10 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी. इस मील के पत्थर से आगे, इस साल 10 दिसंबर 2022 को मानवाधिकार दिवस से शुरू होकर, हम यूडीएचआर को प्रदर्शित करने के लिए एक साल का अभियान शुरू करेंगे. इसकी विरासत, प्रासंगिकता और सक्रियता.
Human Rights Day 2022: मानवाधिकार दिवस की स्पीच (Speech)
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प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मनाया जाने वाला विश्व मानवाधिकार दिवस, भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना पैदा कर सबको उनके सविंधान में वर्णित अधिकारों के प्रति जागरूक करता है।#HumanRightsDay2022 #HumanRightsDay
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जानें क्या है मानवाधिकार
- सरल शब्दों में कहें तो मानवाधिकारों का आशय ऐसे अधिकारों से है जो जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किये बिना सभी को प्राप्त होते हैं.
- मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार तथा काम एवं शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं.
- मानवाधिकारों के संबंध में नेल्सन मंडेला ने कहा था, ‘लोगों को उनके मानवाधिकारों से वंचित करना उनकी मानवता को चुनौती देना है.’
क्या हैं मुख्य मानवाअधिकार
मानव अधिकार का अर्थ उन मूल अधिकारों से है, जो सभी को समान रुप से जीवन जीने, स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और एक समान व्यवहार की प्राप्ति का अधिकार प्रदान करता है। ऐसे में कुछ ऐसे मौलिक अधिकार है जो हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, यह नियम कानून युद्ध बंदियों, कैदियों से लेकर सामान्य नागरिकों तक के लिए बनाए गये है।
- बोलने की आजादी
- आजादी और सुरक्षा का अधिकार
- आर्थिक शोषण के खिलाफ आजाव उठाने का अधिकार
- रंग, नस्ल, भाषा, धर्म के आधार पर समानता का अधिकार
- कानून के सामने समानता का अधिकार
- कानून के सामने अपना पक्ष रखने का अधिकार
- अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार
मानवाधिकार दिवस को मनाने के कारण और उद्देश्य
मानव अधिकार दिवस मनुष्य के लिए वास्तविक अधिकार प्राप्त करने के लिए दुनिया भर में लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में लोगों के शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भलें और कल्याण में सुधार करने के लिए मनाया जाता है। इसे मनाने के कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य और कारण निम्न है:
- दुनिया भर के लोगों के बीच में मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना।
- समग्र मानव अधिकारों की स्थिति में प्रगति के लिये संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रयासों पर जोर देना।
- एक साथ मानव अधिकारों के विशिष्ट मुद्दों को उजागर करने के लिए सहयोग और चर्चा करना।
- इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समूहों जैसे: महिलाओं, नाबालिगों, युवाओं, गरीबों, विकलांग व्यक्तियों और आदि अन्य को राजनीतिक निर्णय लेने में भाग लेने और मनाने के लिये प्रोत्साहित करना।
Human Rights Day 2022: ह्यूमन राइट्स-डे का इतिहास (History)
हर साल 10 दिसंबर को दुनियाभर में ह्यूमन राइट्स डे मनाया जाता है। साल 1948 में इसी दिन यूनाइटेड नेशंस के 56 सदस्यों ने यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स को अडॉप्ट किया था। उसी वजह से 10 दिसंबर को इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स-डे के रूप में मनाया जाने लगा। हमारे देश में 28 सितंबर 1993 को ह्यूमन राइट्स कानून में शामिल किया गया। इसके बाद 12 अक्टूबर, 1993 को नेशनल ह्यूमन राइट्स को अगर ठीक से समझा जाए तो समानता का अधिकार, विश्वास एवं धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, भेदभाव से आजादी का अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी, शिक्षा एवं भोजन का अधिकार, बराबरी एवं सम्मान का अधिकार आदि ह्यूमन राइट्स की परिधि में ही आते हैं।
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