National Education Day 2023 [Hindi]: जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्या है इसका महत्व और इतिहास?

National Education Day 2022 [Hindi] Essay, History, Speech, Facts
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National Education Day 2023 [Hindi]: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के रूप में मनाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इसका महत्व और इतिहास क्या है? हर साल 11 नवंबर को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं।

11 सितंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मौलाना आजाद को मरणोपरांत 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 

आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री

मौलाना अबुल कलाम आजाद या मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में पहले शिक्षा मंत्री थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद न केवल एक विद्वान थे बल्कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे। वह एक सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के आईआईटी और कई प्रमुख संस्थानों की बेहतरी के लिए काम किया। 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 की थीम (Theme for National Education Day 2023)

मौलाना आजाद के अनुसार स्कूल प्रयोगशालाएं हैं जो देश के भावी नागरिक तैयार करती हैं। “किसी भी प्रणाली का प्राथमिक उद्देश्य संतुलित दिमाग बनाना है जिसे गुमराह नहीं किया जा सकता है।  मौलाना आजाद ने कई संस्थानों की स्थापना की जिनमें ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी शामिल हैं।   इस बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 की थीम  विषय “एक सतत भविष्य के लिए अभिनव शिक्षा” है। शिक्षा मंत्रालय हर साल एक अलग फोकस क्षेत्र निर्धारित करता है। 

National Education Day 2023 [Hindi]: जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना

1920 में उन्हें यूपी के अलीगढ़ में जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना के लिए फाउंडेशन कमेटी के सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्होंने 1934 में विश्वविद्यालय परिसर को अलीगढ़ से नई दिल्ली स्थानांतरित करने में भी सहायता की। अब परिसर के मुख्य द्वार का नाम उनके नाम पर रखा गया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की स्थापना, 1951 में प्रथम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की।

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उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान या आईआईएससी बैंगलोर की स्थापना पर जोर दिया। पहले भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद का मुख्य ध्यान स्वतंत्रता के बाद के भारत में ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करना था। शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वयस्क साक्षरता, 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य, सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, और माध्यमिक शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया। 

National Education Day 2023 Quotes [Hindi]

  • शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसे आप दुनिया बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। – नेल्सन मंडेला
  • अच्छे शिक्षक वे होते हैं जो हमें खुद के बारे में सोचना सिखाते हैं। – एस.राधाकृष्णन
  • सफलता कभी अंतिम नहीं होती और न ही विफलता घातक होती है। जो मायने रखता है वह है आपका साहस। – विंस्टन चर्चिल
  • जो कुछ भी हमने स्कूल में सीखा है, वो सब भूल जाने के बाद भी जो हमें याद रहता है, वो ही हमारी शिक्षा है।”  – अल्बर्ट आइंस्टीन
  • अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद करते हैं तो मेरे लिए यह सबसे बड़ा सम्मान होगा।  – डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम
  • शिक्षा का उद्देश्य है युवाओं को खुद को जीवन भर शिक्षित करने के लिए तैयार करना।  -राबर्ट एम हचिंस
  • जो आपने सीखा है उसे भूल जाने के बाद जो रह जाता है वो शिक्षा है। – बी. ऍफ़. स्किन्नर
  • भविष्य में वो अनपढ़ नहीं होगा जो पढ़ ना पाए। अनपढ़ वो होगा जो ये नहीं जानेगा की सीखा कैसे जाता है।  -अल्विन टोफ्फ्लर

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व (Significance)

भारत द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आजाद द्वारा भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में किए गए योगदान पर एक नज़र डालने के लिए इस दिन को मनाने की घोषणा की है।

National Education Day 2023 [Hindi]: मौलाना अबुल कमल आज़ाद के बारें में

मौलाना अबुल कमल आजाद 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर जोर दिया।

  • केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वयस्क साक्षरता, सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 साल तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य, बालिका शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा पर जोर दिया।
  • मौलाना अबुल कलाम द्वारा भारत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गई थी। ये हैं – केंद्रीय शिक्षा संस्थान दिल्ली, जो अब दिल्ली विश्वविद्यालय का शिक्षा विभाग है। 1951 में पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT खड़गपुर (IIT Kharagpur) और 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।
  • पूर्व मंत्री ने भारतीय विज्ञान संस्थान, आईआईएससी बैंगलोर (IISc Bangalore) और दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के फैकेल्टी के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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NATIONAL EDUCATION DAY ESSAY IN HINDI | राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध

देश को ब्रिटिशों से मिली आजादी के पश्चात सरकार का गठन हुआ और मौलाना अबुल कलाम आजाद को देश के पहले शिक्षा मंत्री का पद दिया गया. 

  • मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के मौके पर प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में 11 तारीख को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है जिसे नेशनल एजुकेशन डे भी कहा जाता है.
  • साल 2008 में भारत के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (जिनका नाम परिवर्तित हो कर अब शिक्षा मंत्रालय हो गया है) के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को स्थापित किया गया था और इसे हर साल 11 नवंबर के दिन मनाने की घोषणा भी की गई थी. 
  • राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के लिए 11 नवंबर के दिन का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि इसी दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम का जन्मदिन भी होता है. इसीलिए उनकी याद में हर साल 11 नवंबर के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है.
  • भारत के पहले शिक्षा मंत्री के तौर पर आजाद जी के द्वारा मुक्त प्रारंभिक शिक्षा और हायर एजुकेशन के लिए मॉडर्न इंस्टीट्यूट, एआईसीटीई (AICTE) तथा यूजीसी के साथ नेशनल एजुकेशन सिस्टम की स्थापना की गई थी.
  • इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद को ही आईआईएससी, आईआईटी तथा आर्किटेक्चर स्कूल की स्थापना करने श्रेय दिया जाता है. 
  • इसके साथ साथ अबुल कलाम आजाद जी के द्वारा यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) की नींव रखने का काम भी किया गया था जो कि हमारे देश में बेहतरीन शिक्षा की देखरेख के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण इंस्टिट्यूट है.
  • शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए अबुल कलाम आजाद जी के द्वारा तकरीबन 11 साल तक सेवाएं दी गई. इसके अलावा इन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दरमियान इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता के तौर पर भी सराहनीय काम किए.

मौलाना अबुल कलाम की सोच थी कि शिक्षा हर व्यक्ति के लिए बहुत ही आवश्यक है, और इसीलिए उन्होंने अपने जीवन काल के दरमियान भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया और शिक्षा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए. इस प्रकार से कलाम जी के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करने के लिए साथ ही उन्हें सम्मान प्रदान करने के लिए हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत की गई.

ओवरऑल टॉप-10 इंस्टिट्यूशंस (Overall Top 10 Institutions)

1- आईआईटी, मद्रास (Indian Institute of Technology, Chennai)

2- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू (Indian Institute of Science, Bengaluru)

3- आईआईटी, बॉम्बे (Indian Institute of Technology, Bombay)

4- आईआईटी, दिल्ली (Indian Institute of Technology, New Delhi, Delhi)

5- आईआईटी, कानपुर (Indian Institute of Technology, Kanpur)

6- आईआईटी, खड़गपुर (Indian Institute of Technology, Kharagpur)

7- आईआईटी, रुड़की (Indian Institute of Technology, Roorkee)

8- आईआईटी, गुवाहाटी (Indian Institute of Technology, Guwahati)

9- एम्स, दिल्ली (All India Institute of Medical Sciences, New Delhi)

10- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawahar Lal Nehru University, New Delhi)

National Education Day 2023 [Hindi]: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस से संबंधित तथ्य (Facts)

11 november national education day के बारे में कुछ महत्वपूर्ण मुख्य तथ्य निम्न हैं-

  1. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पहली बार 11 नवंबर 2008 को मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की जयंती पर मनाया गया था।
  2. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्घाटन भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया था।
  3. उद्घाटन समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ।
  4. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पूरे देश में मनाया जाता है।
  5. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कोई अवकाश नहीं है।
  6. इस दिन कई शैक्षिक गतिविधियों जैसे निबंध-लेखन, संगोष्ठी, रैलियों का आयोजन किया जाता है।
  7. यह शिक्षा और इसके महत्व पर जागरूकता अभियान पर भी केंद्रित है।

NATIONAL EDUCATION DAY SPEECH IN HINDI

यहां पर उपस्थित अथिति महोदय, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण, मेरे प्यारे मित्रों, भाइयों और बहनों, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद है कि आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के इस समारोह में एकत्रित हुए हैं. 

इस समारोह के दौरान आज मैं आपके सामने एक छोटा सा शिक्षा दिवस पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं/रही हूं  जिसके माध्यम से आपको शिक्षा के महत्व के बारे में जानने को मिलेगा.

इसके अतिरिक्त आपको हम मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के बारे में भी कुछ जानकारी भी देंगे. मैं आप सभी से यही उम्मीद करूंगा/करूंगी की आप मेरे द्वारा बताए जाने वाली संपूर्ण जानकारी को ध्यान पूर्वक सुनेंगे और शिक्षा की जागरूकता को फैलाने में अपना सहयोग देंगे.

प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारतवर्ष में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस बहुत ही धूमधाम से भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. मौलाना अबुल कलाम आजाद जी स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने थे.

शिक्षा मंत्री के पद को धारण करने के तुरंत बाद उन्होंने देश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कई सारे प्रयास किए. वह हमेशा से ही शिक्षा के प्रति जागरूक थे और चाहते थे कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करें. खासकर महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्होंने कई सारे कार्यक्रम भी चलाए.

अपने जीवन के संपूर्ण कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो भी योगदान दिए थे उन योगदानों के लिए उनको 2008 में सम्मानित किया गया और इसी वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में हर साल 11 नवंबर को मनाने की घोषणा की गई.

National Education Day 2023 [Hindi]: मृत्यु और सम्मान

22 फरवरी 1958 को दिल का दौरा पड़ने से उनका नई दिल्ली (भारत) में निधन हो गया। स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् के तौर पर उनके योगदानों के लिए 1992 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।वे उर्दू में कविताएँ लिखते थे और लोग उन्हें ‘कलम के योद्धा‘ के रूप में भी जानते हैं।


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