भारत में हर साल 11 मई को विश्व प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology day in Hindi 2023) मनाया जाता है। इस दिन से जुड़ी 3 प्रमुख घटनाएं हैं, जिनमें सबसे अहम 1998 में राजस्थान के पोकरण में हुआ परमाणु परीक्षण है। इसके बाद भारत परमाणु संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास (History of National Technology day )
दरअसल, 11 मई 1998 को भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की अगुवाई में राजस्थान के पोकरण में सफल परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद से भारत का नाम भी परमाणु संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया और कोई भी हमारी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। बता दें कि पोकरण में हुए इस परमाणु परीक्षण का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। इसके बाद अगले साल इसी दिन यानी 11 मई, 1999 को भारत में पहला नेशनल टेक्नॉलजी डे मनाया गया। तब से इसे हर साल इसी दिन सेलिब्रेट किया जाता है।
नेशनल टेक्नॉलजी डे का महत्व (Importance of National Technology day )
नेशनल टेक्नॉलजी डे (National Technology day) का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि 11 मई को ही डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। त्रिशूल शॉर्ट रेंज की मारक क्षमता वाली मिसाइल है, जो अपने लक्ष्य पर तेजी से हमला करती है। इसके अलावा इसी दिन भारत के पहले एयरक्राफ्ट Hansa-3 ने उड़ान भरी थी। इसे नेशनल एयरोस्पस लैब ने तैयार किया था। यह दो सीटर हल्का विमान है, जिसका उपयोग पायलटों को ट्रेनिंग देने, हवाई फोटोग्राफी और पर्यावरण संबंधी प्रोजेक्ट्स के लिए किया जाता है।

DRDO द्वारा त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण
11 मई 1998 के ही दिन डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह कम दूरी की मारक क्षमता वाला हथियार है. इसी दिन भारत के पहले एयरक्राफ्ट Hansa-1 ने भी उड़ान भरी थी.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का विषय (National Technology day Theme)
नेशनल टेक्नोलॉजी डे 2023 की थीम क्या है ? बोर्ड हर साल एक थीम की घोषणा करता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 की थीम ‘सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंटिग्रेटेड अप्रोच’ (Integrated Approach in Science & Technology for Sustainable Future) रखी गई है। पिछले साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2021 की थीम “एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” यानी (Science and Technology for a Sustainable Future) रखी गई थी।
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वर्ष 1999 से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत हुई और तभी से इसे मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक विषय तय किया। इस वर्ष का विषय ‘एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष इस दिन का आयोजन करता है। साथ ही इसके लिए तय किए गए विषय पर काम भी करता है। सालभर की योजनाओं पर विचार-विमर्श होता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस किस तरह मनाया जाता है
हर साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है। यह दिन तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जांच और समाज, उद्योग और विज्ञान के एकीकरण में खोज का प्रतीक माना जाता है। इस महान अवसर को मनाने के लिए तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रस्तुतियां, इंटरैक्टिव सत्र, क्विज़, व्याख्यान और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति विज्ञान के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए व्यक्तियों और कंपनियों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रस्तुत करते हैं।
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प्रौद्योगिकी और विज्ञान मंत्री भी देश में विज्ञान के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम व्यवस्थित करके इस दिन को मनाते हैं। इस दिन भारत के छात्र आम तौर पर फार्मेसी, विज्ञान और अनुसंधान कार्य के क्षेत्रों में किए गए हाल की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं की यात्रा करते हैं। छात्र इन संस्थानों के हालिया विकास के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने शिक्षकों के साथ विभिन्न कंप्यूटर प्रयोगशालाओं, नैनो-प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी विकास केंद्रों में भी जाते हैं।
भारत में यह दिवस क्यों मनाता है?
भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित संस्थानों में भारत की प्रौद्योगीकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस को मनाते हैं. इस दिन भारत में निर्मित देश के पहले एयरक्राफ्ट हंस 3 ने 11 मई को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था. भारत में बना त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी 11 मई को हुआ था. इसलिए भारत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस प्रत्येक साल मनाता है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023| National Technology Day 2023
दिवस का नाम (Name Of Day) | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) |
तारीख (Date) | बुधवार, 11 मई 2023 |
थीम 2023 | सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण (Integrated Approach in Science & Technology for Sustainable Future) |
शुरुआत | श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के द्वारा 11 मई 1999 से |
महत्व | वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के कार्यों की सराहना करना |
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कोट्स (National Technology Day 2023 Quotes in Hindi)
- हमने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व से संबंधित कुछ उद्धरण सूचीबद्ध किए हैं।
- “यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है कि हमारी तकनीक हमारी मानवता को पार कर गई है” – अल्बर्ट आइंस्टीन
- “मुझे कंप्यूटर से डर नहीं लगता। मुझे उनकी कमी का डर है” – आइजैक असिमोव
- “हमारी तकनीक हमें पौराणिक रूप से जीने के लिए मजबूर करती है” – मार्शल मैकलुहान
- “हमें प्रोग्रामर के लिए अनुकूलन करना बंद करना होगा और उपयोगकर्ताओं के लिए अनुकूलन करना शुरू करना होगा।” – जेफ एटवुड
- “कोई भी पर्याप्त रूप से उन्नत तकनीक जादू से अप्रभेद्य है” – आर्थर सी। क्लार्क
- “प्रौद्योगिकी वह चीज है जो आपके जन्म के समय नहीं थी” – एलन के
National Technology Day 2023 in Hindi | ऑपरेशन शक्ति
- पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 में किया गया था ; जिसका नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ रखा गया था।
- जबकि पोखरण में दूसरा परीक्षण 11 मई, 1998 को ‘ऑपरेशन शक्ति’ के तहत किया गया था। इस परमाणु परीक्षण का नाम ‘पोखरण II’ था।
- ‘पोखरण II’ के तहत 11 मई से लेकर 13 मई तक पाँच परमाणु परीक्षण किए गए थे। जिनमें से पहला एक संलयन (Fusion) बम था जबकि अन्य चार विखंडन बम थे।
- ‘ऑपरेशन शक्ति’ मिशन को भारतीय सेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), परमाणु खनिज निदेशालय अन्वेषण एवं अनुसंधान (AMDER) निदेशालय के वैज्ञानिकों के सहयोग से किया गया था।
- ‘ऑपरेशन शक्ति’ मिशन का नेतृत्त्व दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा किया गया था।
जब भारत ने दुनिया को दिखाई परमाणु ताकत
भारत की तरफ से 11 मई के बाद 5 पोखरण परमाणु टेक्ट किए गए थे। भारत की तरफ से पहली बार 11 मई 1998 को भारत ने राजस्थान में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में ऑपरेशन शक्ति के तहत तीन सफल परमाणु परीक्षण किए। इसके बाद, 13 मई को दो और परमाणु परीक्षण किए गए और बाकी परीक्षण डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रशासन में किए गए। इसी की याद में पहली बार 11 मई 1999 को पहली बार नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day in Hindi) मनाया गया था।
ए.पी.जे अब्दुल कलाम और अटल विहारी का रहा अहम रोल
इस परमाणु टेस्ट की पूरी जिम्मेदारी “मिसाइल मैन” के नाम से मशहूर ए.पी.जे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) पर थी। साथ ही राजनीति इच्छा शक्ति तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी (Atal Vihari Bajpa) ने दिखाई थी। इस मिशन को कोडनेम ऑपरेशन शक्ति (Operation Shakti) दिया गया था। यह एक सीक्रेट ऑपरेशन था, जिसे दुनिया की नजरों से बचाकर टेस्ट किया गया था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार
भारत के राष्ट्रपति इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार भी प्रदान करते हैं. यह पुरस्कार इस क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day in Hindi ) मनाने के पीछे उद्देश्य
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाने से छात्रों में विज्ञान के प्रति एक नई उमंग पैदा हो। और भारत के लिए कुछ नया अविष्कार करने की क्षमता आये।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन हम भारत के पहले परमाणु परीक्षण (न्यूक्लियर टेस्ट) के दिन को याद करते हैं।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को मनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि आज के युवाओं में विज्ञान के प्रति सम्मान हो तथा वह परमाणु परीक्षण के दिन को कभी ना भूल पाए।
- 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण के अलावा भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था जिसका नाम त्रिशूल मिसाइल रखा गया था।
- इस दिन विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जाता है।
- 11 मई 1998 को ही भारत का एक एयरक्राफ्ट वायु सेना में ट्रेनिंग के लिए जोड़ा गया था जिसका नाम हनसा-3 रखा गया था और एक का सबसे पहला उड़ान बेंगलुरु के हवाई अड्डे से हुआ था।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन ज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले छात्रों के लिए प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं इसमें छात्र अपने कुछ अविष्कार एवं प्रयोगों को दिखाते हैं और इससे उन छात्रों में विज्ञान के क्षेत्र के लिए एक नया जोश एवं उत्साह मिलता है।
FAQ / National Technology Day के बरे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर- 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
उत्तर- परमाणु परीक्षण के समय डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति थे।
उत्तर- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 से मनाया जाता है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी जी ने की थी।
उत्तर – प्रथम पोखरण परीक्षण के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा जी थे।
भारत ने किए पांच सफल न्यूक्लियर टेस्ट्स
11 मई 1998 को पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट रेंज में सेना ने पांच परमाणु बमों का सफल टेस्ट किया था। जोधपुर में आने वाले पोखरण में भारतीय सेना ने ऑपरेशन शक्ति-1 परमाणु मिसाइल को सफलतापूर्वक फायर किया था और यह पोखरण में पांच परमाणु टेस्ट्स में पहला था। भारत ने पोखरण में हुए परमाणु परीक्षणों को ऑपरेशन शक्ति कोडनेम दिया था। शक्ति मिसाइल के सफल टेस्ट की वजह से भी 11 मई को टेक्नोलॉजी डे के तौर पर याद किया जाता है। पोखरण परमाणु परीक्षण को ‘मिसाइलमैन’ कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने लीड किया था।
अमेरिका के साथ पूरा विश्व था हैरान
भारत ने पूरी दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया। इन परीक्षणों के बाद अमेरिका जैसे देश भी हैरान थे कि आखिर भारत ने उनकी खुफिया एजेंसी सीआईए के सैटलाइट्स को कैसे चकमा दे दिया। ललित मान सिंह उस समय विदेश मंत्रालय के सचिव थे। 11 मई 1998 को दोपहर 15.45 बजे भारत ने पोखरण रेंज में तीन अंडरग्राउड न्यूक्लियर टेस्ट्स किए। इसके बाद 13 मई को भी भारत ने दो न्यूक्लियर टेस्ट्स किए।
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