Pandit Birju Maharaj Death News: कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया। पीएम ने बिरजू महाराज के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि, भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
आज सुप्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन वह पिछले साल यानी 17 जनवरी 2022 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। बिरजू महाराज एक ऐसी शख्सियत थे, जो घुंघरू की झंकार से दर्शकों का मन मोह लेते थे। जब बिरजू महाराज नृत्य करते थे, तब उनके घुंघरू भी बात किया करते थे। ताल और घुंघरू का तालमेल करना एक नर्तक के लिए आम बात है, लेकिन अपनी घुंघरू की झनकार से दर्शकों को मनमोहित करने की जब बात होती है तो बिरजू महाराज का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कथक को भारत सहित पूरे विश्व में एक अलग मुकाम पर पहुंचाया था। चलिए आज बिरजू महाराज की पुण्यतिथि के मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें…
Pandit Birju Maharaj Death News: रात में पड़ा दिल का दौरा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंडित बिरजू महाराज रात करीब 12:00 बजे तक अपने पोते-पोतियों के साथ अंताक्षरी खेल रहे थे और इसी दौरान अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश हो गए. उन्हें दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत लाया घोषित कर दिया गया. बताया जा रहा है कि पंडित बिरजू महाराज को कुछ दिन पहले किडनी की बीमारी का पता चला था और डायलिसिस भी की गई थी. लेकिन रात में उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई.
Pandit Birju Maharaj Death News: दिल का दौरा पड़ने से निधन- रागिनी महाराज
Pandit Birju Maharaj Death News: पंडित बिरजू महाराज की पोती रागिनी महाराज ने भाषा को बताया कि, बिरजू महाराज के निधन के वक्त उनके आस-पास परिवार के लोग तथा उनके शिष्य मौजूद थे। वे रात के भोजन के बाद अंताक्षरी खेल रहे थे, जब महाराज को अचानक कुछ परेशानी होने लगी।
क्या है कथक का मतलब और कहां हुआ जन्म?
आठ तरह के भारतीय शास्त्रीय नृत्य हैं उनमें से एक कथक नृत्य है. यह नृत्य उत्तरी भारत में बहुत मशहूर है. इस नृत्य में फारसी रीति-रिवाज हैं. प्राचीन काल में कथक को कुशिलव के नाम से जाना जाता था. यह नृत्य कहानियों को बोलने का एक बहुत बड़ा जरिया हुआ करता था. इस नृत्य के तीन प्रमुख घराने हैं. इसके तीन प्रमुख घराने हैं. कछवा के राजपूतों के राजसभा में जयपुर घराना, अवध के नवाब के राजसभा में लखनऊ घराना और वाराणसी के सभा में वाराणसी घराने का जन्म हुआ.
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Pandit Birju Maharaj Death News: बन्ना गुप्ता ने कही ये बात
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक व झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने लिखा-अपनी उत्कृष्ट शैली से कथक को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पद्म विभूषण से सुशोभित पंडित बिरजू महाराज के निधन से आज देश में नृत्य कला के एक अध्याय का अंत हो गया। ईश्वर उनको अपने श्री चरणों में उचित स्थान प्रदान करें यही मंगलकामना है। विनम्र श्रद्धांजलि।
बनारस से भी था बिरजू महाराज का संबंध
पंडित बिरजू महाराज का बनारस से भी रिलेशन था और वहां उनकी ससुराल है. उनका परिवार बाद में लखनऊ शिफ्ट हो गया था और बिरजू महाराज लखनऊ घराने के प्रमुख कथक नर्तक थे.
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पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कारों से हुए सम्मानित
बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी। साल 2012 में विश्वरूपम फिल्म में डांस कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2016 में बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल’ गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।
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