Shivaji Maharaj Jayanti 2024 [Hindi]: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास

Shivaji Jayanti 2023 [Hindi] Essay & Quotes शिवाजी से जुड़ी 10 बातें
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Chhatrapati Shivaji Jayanti 2024 [Hindi]: भारत में शायद ही ऐसे लोग होंगे जो छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं जानते होंगे। वह देश के वीर सपूतों में से एक थे, जिन्हें ‘मराठा गौरव’ भी कहते हैं और भारतीय गणराज्य के महानायक भी। वर्ष 1674 में उन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। उन्होंने कई सालों तक मुगलों से संघर्ष किया था और उन्हें धूल चटाई थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। उनके जन्मदिवस के अवसर पर ही हर साल 19 फरवरी को भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है। यह साल इस महान मराठा की 391वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने तो इस दिन को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।

छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन परिचय (Chhatrapati Shivaji Maharaj Life History)

जीवन परिचय बिंदुशिवाजी जीवन परिचय
पूरा नामशिवाजी शहाजी राजे भोसले
जन्म19 फ़रवरी 1630
जन्म स्थानशिवनेरी दुर्ग, पुणे
माता-पिताजीजाबाई, शहाजी राजे
पत्नीसाईंबाई, सकबारबाई, पुतलाबाई, सोयाराबाई
बेटे-बेटीसंभाजी भोसले या शम्भू जी राजे, राजाराम, दिपाबाई, सखुबाई, राजकुंवरबाई, रानुबाई, कमलाबाई, अंबिकाबाई
मृत्यु3 अप्रैल 1680

 

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास (History of Chhatrapati Shivaji Jayanti)

Shivaji Jayanti 2024 [Hindi]: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने की शुरुआत वर्ष 1870 में पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले द्वारा की गई थी। उन्होंने ही पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ में शिवाजी महाराज की समाधि की खोज की थी। बाद में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने जयंती मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाया और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए शिवाजी महाराज की छवि को और भी लोकप्रिय बनाया। उन्होंने ही ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होकर शिवाजी महाराज जयंती के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोगों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनका वीरता और योगदान हमेशा लोगों को हिम्मत देता रहे, इसीलिए हर साल यह जयंती मनाई जाती है।

Shivaji Jayanti 2024 [Hindi]: शिवाजी जयंती कैसे मनाई जाती है?

Shivaji Jayanti 2024: शिवाजी जयंती पर महाराष्ट्र में राजकीय अवकाश होता है। यह बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन मराठों का समृद्ध और विविध सांस्कृतिक इतिहास के उल्लास को भी मनाया जाता है। बच्चे उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए शिवाजी के रूप में तैयार होते हैं। भोजन और अन्य मिठाइयां भी परोसी जाती हैं और बहुत उत्साह के साथ इस पर्व का आनंद लिया जाता है। 

क्षत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी वह 10 बातें जो उन्हे बनाती है खास

  1. क्षत्रपति शिवाजी शहाजी राजे भोसले का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणें में हुआ था. मराठा साम्राज्य की नींव क्षत्रपति महाराज ने ही डाली. यही वे शासक थे, जिन्होंने मुगलों से लोहा लेने की हिम्मत की.
  2. क्षत्रपति महाराज वीर योद्धा होने के साथ साथ वे एक कुशल रणनीतिकार भी थे. इन्हें गुरिल्ला युद्ध तकनीक का जनक भी कह सकते हैं. क्योंकि मुगलों के खिलाफ इन्होंने इसी तकनीक का इस्तेमाल किया था. दुनिया को गुरिल्ला युद्ध से इन्होंने ही रूबरू कराया. महान देशभक्त होने के साथ साथ ये एक दयालु इंसान भी थे.
  3. आज 344 साल पहले 6 जून 1674 को शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया था.
  4. शिवाजी महाराज एक विशेष धर्म से जरूर ताल्लुक रखते थे, लेकिन कभी उन्होंने अपनी प्रजा पर इसे नहीं थोंपा. वे सभी धर्मों का सम्मान करते थे. वे धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे. उनकी सेना में कई मुस्लिम योद्धा बड़े ओहदों पर आसीन थे. इब्राहिम खान और दौलत खान को उनकी नौसेना में खास पद दिए गए थे.
  5. सिंधुगढ़ और विजयदुर्ग में शिवाजी महाराज ने नौसेना के किले तैयार किए थे. साथ ही रत्नागिरी में अपने जहाजों के रिपेयरिंग के लिए एक दुर्ग का निर्माण कराया था.
  6. माना जाता है कि गुरिल्ला युद्ध का आरंम्भ यही से हुआ था.
  7. शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे, शिवाजी महाराज उन चुनिंदा शासकों में आते हैं जिनके पास पेशेवर सेना थी. वो अपने सैनिकों के साथ जमकर युद्धाभ्यास किया करते थे.
  8. शिवाजी महाराज के महिलाओं का काफी सम्मान करते थे. उनके आदेश तो यहां तक थे कि युद्ध में बंदी किसी भी महिला के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया जाएगा. बल्कि उन महिलाओं को इज्जत के साथ वापस उनके घर भेजा जाएगा.
  9. शिवाजी महाराज ने फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत भाषा को राजकाज की भाषा बनाया था. उनके पास 8 मंत्रियों की परिषद थी, जिसे अष्टप्रधान कहा जाता था.
  10. कहा जाता है कि शिवाजी महाराज ने बीजापुर को जीतने में औरंगजेब की मदद की थी, लेकिन इस लड़ाई की एक पूर्व शर्त थी कि बीजापुर के गांव और किले मराठा साम्राज्य के तहत रहेंगे. लेकिन इस बीच मार्च 1657 में इनके बीच विवाद शुरू हो गया और शिवाजी महाराज और औरंगजेब के बीच कई लड़ाईयां हुई जिसका नतीजा कुछ नहीं निकला, लेकिन मराठा सेना ने शिवाजी के नेतृत्व में मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा लडाइयां (Chhatrapati Shivaji Maharaj Fight)–

Shivaji Jayanti 2024 [Hindi]: 15 साल की उम्र में शिवाजी ने पहला युद्ध लड़ा, उन्होंने तोरना किले में हमला कर उसे जीत लिया. इसके बाद उन्होंने कोंडाना और राजगढ़ किले में भी जीत का झंडा फहराया. शिवाजी के बढ़ते पॉवर को देख बीजापुर के सुल्तान ने शाहजी को कैद कर लिया, शिवाजी व उनके भाई संभाजी ने कोंडाना के किले को वापस कर दिया, जिसके बाद उनके पिताजी को छोड़ दिया गया. अपनी रिहाई के बाद शाहजी अस्वस्थ रहने लगे और 1964-65 के आस पास उनकी मौत हो गई. इसके बाद शिवाजी ने पुरंदर और जवेली की हवेली में भी मराठा का धव्ज लहराया.

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बीजापुर के सुल्तान ने 1659 में शिवाजी के खिलाफ अफजल खान की एक बहुत बड़ी सेना भेज दी और हिदायत दी की शिवाजी को जिंदा या मरा हुआ लेकर आये. अफजल खान ने शिवाजी को मारने की कोशिश कूटनीति से की, लेकिन शिवाजी ने अपनी चतुराई से अफजल खान को ही मार डाला. शिवाजी की सेना ने बीजापुर के सुल्तान को प्रतापगढ़ में हराया था. यहाँ शिवाजी की सेना को बहुत से शस्त्र, हथियार मिले जिससे मराठा की सेना और ज्यादा ताकतवर हो गई.

Shivaji Jayanti 2024: साल 1656-57 में मुगलों से लड़ी थी लड़ाई 

साल 1656-57 में मुगलों की लड़ाई पहली बार शिवाजी महाराज से हुई थी. उन्होंने मुगलों की ढेर सारी संपत्ति और सैकड़ों घोड़ों पर अपना कब्जा जमा लिया था. कहा जाता है 1680 में कुछ बीमारी की वजह से अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में छत्रपति शिवाजी की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद उनके बेटे संभाजी उत्तराधिकारी घोषित किए गए थे.

Shivaji Maharaj का छुपना

औरंगजेब ने समझोते के बावजूद शिवाजी से अच्छा व्यव्हार नहीं किया, उसने शिवाजी और उसके बेटे को जेल में बंद कर दिया, लेकिन शिवाजी अपने बेटे के साथ आगरा के किले से भाग निकले. अपने घर पहुँचने के बाद शिवाजी ने नयी ताकत के साथ मुगलों के खिलाफ जंग छेड़ दी. इसके बाद औरंगजेब ने शिवाजी को राजा मान लिया. 1674 में शिवाजी महाराष्ट्र के एक अकेले शासक बन गए. उन्होंने हिन्दू रिवाजों के अनुसार शासन किया.

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Shivaji Jayanti 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक

महाराष्ट्र में हिन्दू राज्य की स्थापना शिवाजी ने 1674 में की, जिसके बाद उन्होंने अपना राज्याभिषेक कराया. शिवाजी कुर्मी जाति के थे, जिन्हें उस समय शुद्र ही माना जाता था, इस वजह से सभी ब्राह्मण ने उनका विरोध किया और राज्याभिषेक करने से मना कर दिया. शिवाजी ने बनारस के भी ब्राह्मणों को न्योता भेजा, लेकिन वे भी नहीं माने, तब शिवाजी ने उन्हें घूस देकर मनाया और फिर उनका राज्याभिषेक हो पाया. यही पर उन्हें छत्रपति की उपाधि से सम्मानित किया गया. इसके 12 दिन के बाद उनकी माता जिजाभाई का देहांत हो गया, जिससे शिवाजी ने शोक मनाया और कुछ समय बाद फिर से अपना राज्याभिषेक कराया. 

शिवाजी महाराज का विवाह

लगभग 12 वर्ष की आयु में 14 मई सन 1640 ई. को ‘सइबाई निंबाळकर‘ के साथ लाल महल, पुना में हुआ। जिनसे उनकी चार संतानें हुई जिसमें से बड़े बेटे का नाम ‘संभाजी‘ था। उन्होंने अपने जीवन काल में आठ विवाह किए।

शिवाजी की मृत्यु कब और कैसे और कहां हुई?

शिवाजी महाराज की मृत्यु 50 वर्ष की आयु में 3 अप्रैल 1680 को हो गई। जिसके बाद शिवाजी के उत्तराधिकारी संभाजी घोषित किए गए और उनके उत्तराधिकारियों ने भी मुगलों के खिलाफ जंग जारी रखी। औरंगजेब के खिलाफ उसके पुत्र ‘अकबर‘ द्वारा विद्रोह करने पर संभाजी ने अकबर को अपने यहां शरण भी दी थी। प्रत्येक वर्ष 3 अप्रैल को शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि होती है, 2024 में छत्रपति शिवाजी की 342 वीं पुण्यतिथि (Death Anniversary) है।

Chhatrapati Shivaji Maharaj Quotes in Hindi

  • जो मनुष्य बुरे समय मे भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्यो मे लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है
  • किस भी चीज़ को पाने का हौसला बुलंद हो तो पर्वत को भी मिट्टी में बदला जा सकता हैं
  • जरुरी नहीं कि विपत्ति का सामना दुश्मन के सम्मुख से ही करने में वीरता हो। वीरता तो विजय में है
  • शौर्यवान योद्धा, वीरो के वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर सादर नमन

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