
चीनी ऐप TikTok को Madras HC ने बैन करने की सलाह दी, कहा- यह एप बच्चों की मानसिकता पर गहरा प्रभाव डाल रहा है।
नई दिल्ली: चीन की सोशल मीडिया ऐप Tik Tok को Madras HC ने बैन करने की सलाह दी, उन्होंने अपने अंतरिम आदेश में केन्द्र सरकार से कहा कि शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप TikTok को बैन कर दिया जाए।
Tik Tok Video App vs Madras High Court.
इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मीडिया हाउस को भी कहा कि TikTok ऐप द्वारा बनाए गए एडल्ट वीडियो या फिर किसी भी प्रकार के वीडियो का टेलिकास्ट बन्द करने की सलाह भी दे दी। Madras High Court ने केन्द्र सरकार से चीनी ऐप को बैन करने के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि Tik Tok ऐप भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रही है।
Tik Tok Short Video App Monthly Users In India: News Report.
इसलिए इसे तुरंत प्रभाव से भारत मे बैन कर देना चाहिए। चीन की TikTok ऐप के इस समय भारत में लगभग 54 मिलियन यानि (5.4 करोड़) मंथली यूजर्स हैं। यह ऐप भारत में सबसे जल्दी पॉपुलर होने वाली ऐप है।
Musicly to Tik Tok App: India launched Date.
TikTok को 2018 में भारत में लॉन्च किया गया और फरवरी 2018 में यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला नॉन गेमिंग ऐप बन गया। जिसके इतने कम समय मे इतने यूज़र्स हो गए। Tik Tok ऐप भारत में पहले Musicly नाम से लांच हुई थी, लेकिन कंपनी ने बाद में इसका नाम चेंज कर Tik Tok कर दिया।
Madras High Court: Tik Tok Video App Controversy.

Madras HC के मदुरै बेंच ने TikTok ऐप के विरोध में एक पिटिशन डाली गई थी। जिस की सुनवाई करते हुए मद्रास हाइकोर्ट ने यह आदेश दिया है। मदुरै के ही वरिष्ठ अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट मूथू कुमार ने Tik Tok ऐप के विरोध में पेटिशन डाली थी।
Tik Tok App Spreading Vulgarity: Madras HC.

उन्होंने अपनी पेटिशन में Tik Tok video ऐप को पोर्नोग्राफी, कल्चरल डिग्रेडेशन, चाइल्ड अब्यूज, सुसाइड को बढ़ावा देने वाली एप्पलीकेशन बताया था। उनकी ही पेटिशन की सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
Madras HC के जज जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर की बेंच ने केन्द्र सरकार से Tik Tok ऐप के मामले में 16 अप्रैल से पहले जबाब मांगा है। Tik Tok ऐप को बैन करने वाले केस पर आगामी सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।
वही मद्रास हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लताड़ते हुए जवाब मांगा कि
“क्या केन्द्र सरकार अमेरिका की तरह चाइल्ड ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट की तरह ही कोई नीति ला सकती है जो बच्चों को ऐसे आनलाइन ऐप के विक्टिम बनने से रोक सके?
वही TikTok Video app के प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कंपनी लोकल लॉ का पूरी तरह से सम्मान करती है और मद्रास हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी का इंतजार कर रही है। कोर्ट के आर्डर की कॉपी आने के बाद ही किसी भी तरह का एक्शन लिया जाएगा।
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