Vijay Diwas: सन 1971 का युद्ध भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच एक सैन्य सँघर्ष था । इसका आरंभ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के चलते 3 दिसंबर, 1972 में पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा भारतीय (Indian) सैना के 11 स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई हमले से हुआ था ।
इसके परिणामस्वरूप भारतीय सैना (Indian Force) पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश (Bangladesh) स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन देने के लिए तैयार हो गयी थी ।

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युद्ध की शुरुआत कैसे हुई ?
पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार और सैना, पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले अपने ही मुल्क के लोगो पर जुल्म करने लगी..फिर धीरे-धीरे यह जुल्म बेगुनाहों की हत्या में तब्दील हो गया था ओर यह सब इसलिए हो रहा था क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले लोग अपनी ही पाकिस्तानी सेना (Pakistani Military) के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे ।
इतने ही नही पाकिस्तानी सेना उनकी आवाज दबाने के लिए पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार शुरू कर दिया था, वहाँ के लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे ।
कैसे भारत (India) ने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) की ओर क्यों ?
भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाना शुरू किया था । लगभग 10 लाख शरणार्थी भारत पहुँच गए, ये शरणार्थी पूर्वी पाकिस्तान की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में पहुँच गए थे । उस समय यह स्थिति को देखकर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को युद्ध की तैयारी करने के लिए आदेश दे दिए थे । और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू कर थी । उस समय तत्कालीन हुई भारत और अमेरिका के साथ बैठक में भारत के प्रधानमंत्री ने साफ-साफ बोल दिया था कि अगर अमेरिका पाकिस्तान की नही रोकेगा तो भारत पाकिस्तान में सैनिक कारवाई के लिए मजबूर होगा। इस स्थिति से भारत के कई राज्यो में शांति भी भंग हो रही थी । इसको देखते हुए भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 9 अगस्त 1971 को सोवियत संघ के साथ एक ऐसा समझौता कर लिया जिसके तहत दोनो देशों की सुरक्षा का भरोसा दिया गया ।
इसी युद्ध के दौरान हुआ था मुक्ति वाहिनी सेना का जन्म
पूर्वी पाकिस्तान में हालात दिन-प्रतिदिन बहुत खराब होते जा रहे थे पुलिस, पैरामिलिट्री फ़ोर्स,ईस्ट पाकिस्तान राइफल्स ओर ईस्ट बंगाल रेजिमेंट के बंगाली सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज के खिकफ बगावत शुरू कर दी थी और खुद को आजाद घोषित करना शुरू कर दिया था।
इसमे भारत ने भी मदद करि ओर वहाँ के लोगो को फौजी ट्रेनिंग दी और यही से मुक्ति वाहिनी सेना का जन्म हुआ था ।भारत के कुछ शहरों में 3 दिसबंर 1971 में पाकिस्तान की पाकिस्तानी विमानों ने बमबारी शुरू कर दी,जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया।
4 दिसम्बर 1971 को भारत ने ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू किया ।
इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना (Indian Force) ने बंगाल की खाड़ी में समुंदर की ओर से पाकिस्तान की नौसेना को कड़ी टक्कर दी ओर दूसरी तरफ पश्चिमी पाकिस्तान की सेना का भी मुकाबला किया ।
भारतीय नौसेना ने 5 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भारी बमबारी करि ओर पाकिस्तानी नेवी हेडक्वार्टरस को क्षतिग्रस्त कर दिया ।
इसी समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) ने पूर्वी पाकिस्तान को एक नया राष्ट्र के रूप में बनाने का ऐलान कर दिया,जिसका नाम रखा गया बांग्लादेश (Bangladesh) था । इस कदम का मतलब यह हुआ कि बांग्लादेश (Bangladesh) पाकिस्तान का हिस्सा न होकर एक नए राष्ट्र के रूप में सामने आया ओर इसी परिणामस्वरूप 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान की फ़ौज ने सरेंडर कर दिया था ओर उस समय पाकिस्तान के 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था । इसी प्रकार 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश का एक नए राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ ओर पूर्वी पाकिस्तान पाकिस्तान से आजाद हो गया था । यह युद्ध भारत के लिए बहुत ही ऐतिहासिक माना जाता है इसलिए देशभर इस दिन 16 दिसम्बर को भारत की पाकिस्तान की जीत के उपलक्ष में विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है ।
ऐसा कहा जाता है कि सन 1971 में हुए इस युद्ध के दौरान भारत के 3900 सैनिक शहीद ओर लगभग 9,851 सैनिक घायल हुए थे, लेकिन फिर भी हमारी भारतीय सेना ने इस युद्ध मे विजय (Vijay) हासिल करि थी ।
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