14 जून: दुनियाभर में आज विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day 2023 [Hindi]) मनाया जा रहा है। विश्व रक्त दाता दिवस हर सा 14 जून को मनाया जाता,है। विश्व रक्तदाता दिवस, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक पहल है। यह दिन हर साल रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और स्वैच्छिक अवैतनिक रक्त दाताओं के योगदान से जीवन बचाने को पहचानने के लिए मनाया जाता है। आपका रक्तदान किसी के लिए जीवनदान हो सकता है, इसलिए इसे महादान’ भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य सेफ और सुरक्षित ब्लड डोनेशन को लेकर वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को ब्लड डोनेशन के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करने और सिस्टम और बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए अवसर भी प्रदान करता है।
क्यों मनाते हैं विश्व रक्त दाता दिवस
14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) का जन्म हुआ था. यही वे साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय मिला है. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के दिन ही विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है. कार्ल लैंडस्टीनर के द्वारा ब्लड ग्रुप्स का पता लगाए जाने से पहले तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जानकारी होता था. इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
रक्तदान का महत्व (Importance of Blood Donation)
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सेफ ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट और उनका देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे लाखों लोगों की जान बचाते हैं और हर दिन कई रोगियों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। रक्त की आवश्यकता सार्वभौमिक है, लेकिन रक्त उन सभी के लिए उपलब्ध नहीं है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
विश्व रक्तदाता दिवस की थीम क्या है? (World Blood Donor Day 2023 Theme)
14 जून को मनाया जाने वाला ब्लड डोनर डे एक ख़ास थीम पर आधारित होता है इस बार विश्व रक्तदाता दिवस 2023 की थीम “रक्तदान एकजुटता का कार्य है। प्रयासों में शामिल हों और जीवन बचाएं” (Donating blood is an act of solidarity. Join the effort and save lives) है।
■ Also Read | World Health Day: Slogan, Quotes in English, Healthy Life Habits
विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास (History of World Blood Donor Day [Hindi])
पहला विश्व रक्त दाता दिवस 2004 में डब्ल्यूएचओ द्वारा मनाया गया था और 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में इसे वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम के रूप में घोषित किया गया था। यह दिन ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक, कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती पर मनाया जाता है। उन्हें आधुनिक रक्त आधान का संस्थापक माना जाता है। साल 2004 में स्थापित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
World Blood Donor Day 2023 [Hindi] | ब्लड डोनेशन से जुड़ी 5 बातें हमेशा रखें याद
- हादसे में खो दी थी टांग, अब तीन पैर वाले इस कुत्ते ने बचाई 64 की जान, मिला ये विशेष अवार्ड – ब्लड डोनेशन करने के फायदे: रक्तदान करने से आपके भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लड डोनेट कर दूसरों की मदद करने से तनाव कम होता है।
- ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ फैक्ट: डोनर के शरीर से सिर्प एक यूनिट ब्लड ही लिया जा सकता है, एक आम व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट(5 से 6 लीटर) ब्लड होता है,18 से 60 वर्ष की आयु तक कोई भी ब्लड डोनेट कर सकता है।
- अगर आप किसी तरह के वायरस से पीड़ित हैं तो ब्लड रक्त दान न करें। जैसे एचआईवी (एड्स), टीबी, हेपेटाइटिस, सिफलिस से पीड़ित लोगों को ब्लड डोनेशन की मनाही होती है।
- बता दें कि ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर होते है। ये किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को खून दे सकते हैं। भारत में केवल 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ‘O नेगेटिव’ है।
- रक्तदान करने वालों को कमजोरी का एहसास हो सकता है। इसलिए ब्लड डोनेशन के 3 घंटे तक कोई भारी काम न करें और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है।
625वें कबीर प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी के 1100 शिष्यों ने किया रक्तदान

संत रामपाल जी महाराज जी के मार्गदर्शन में उनके 1100 शिष्यों ने कबीर साहेब जी प्रकट दिवस के अवसर पर पूरे भारत के 10 बड़े आश्रमों में रक्तदान कर समाज में एक अनूठी मिसाल कायम की।
समय से पहले न करे ब्लड डोने
कुछ लोगों को ब्लड डोनेट करना अच्छा लगता है, लेकिन उनको यह पता होना जरूरी है कि एक स्वस्थ पुरुष सिर्फ 3 महीने में एक बार और महिलाएं 4 महीने में एकबार रक्तदान कर सकती हैं। ऐसा इसलिए ताकि आप आपके शरीर को फिर से रक्त बनाने के लिए पर्याप्त समय दे सकें।
Read in English | World Blood Donor Day: Solution to Global Shortage of Safe Blood
रक्तदान करने के बाद इन टिप्स को करें फॉलो:
रक्तदान करने के बाद इसे आसान बनाना और आपके शरीर द्वारा खोए गए पोषक तत्वों को फिर से भरने पर काम करना जरूरी है.
- तरल पदार्थ: अगले 24 घंटों में अतिरिक्त 1 लीटर पानी संतरे का रस, प्रून जूस या स्पोर्ट्स ड्रिंक पिएं. आपको हल्का नाश्ता जैसे फल, आलूबुखारा या दही खाना चाहिए. यह आपके ब्लड शुगर और लिक्विड लेवल को स्थिर करने में मदद करेगा.
- आराम करें: कम से कम दस मिनट के लिए कैंटीन एरिया में आराम करना जरूरी है, या जब तक आप सामान्य महसूस नहीं करते. इसके अलावा, बाकी दिन कोई भी भारी सामान उठाने या जोरदार व्यायाम करने से बचें.
- पोषण: फोलेट, जिसे बी-9 या फोलिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग शरीर में नई लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद के लिए किया जाता है, इसलिए फोलिक एसिड से भरपूर फूडस खाना महत्वपूर्ण है. इन फूड्स में शामिल हैं जैसे पत्तेदार साग और संतरे का रस. राइबोफ्लेविन, या विटामिन बी-2, का उपयोग लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी किया जाता है. इसके लिए दूध या दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें.
कौन सुरक्षित रूप से कर सकता है रक्तदान?
18-65 वर्ष के आयु वर्ग में एक नियमित स्वस्थ पुरुष या महिला रक्तदान करने के लिए पात्र है। हालांकि, व्यक्ति का हीमोग्लोबिन स्तर 12.5 ग्राम प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षित माना जाता है।
Leave a Reply