World Day of Social Justice in Hindi: कोविड -19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण पिछले दो साल से संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के सामाजिक और वैश्विक मुद्दे छिप से गए थे. इनमें से स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं के अलावा बच्चों, गरीबों, पीड़ितों के लिए हो रहे प्रयासों को भी धक्का लगा है महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन ने कई समस्याओं को गहरा भी कर दिया है. ऐसा ही एक सामाजिक न्याय का मुद्दा है. मानव अधिकारों और दुनिया में फैली विषमताओं के बीच समाज में अवसरों और विशेषाधिकारों के वितरण में न्याय स्थापित करने सामाजिक न्याय के दायरे में आता है. इसके महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र हर साल 20 फरवरी को सामाजिक न्याय विश्व दिवस (World Day for Social Justice 2023) मनाता है.
क्या है सामाजिक न्याय
आधुनिक समाज में सभी लोगों को समान अवसर और सुविधाएं मिलें यह सामाजिक न्याय का ही नहीं सभी देशों का आदर्श है. सामाजिक न्याय का लक्ष्य इसमें आ रही बाधाओं को सुनिश्चित करना है जिससे सभी लोगों की सामाजिक भूमिकाएं पूरी हो सकें और उन्हें समाज से वह मिल सके जिसके वे हकदार है. इसके लिए समाज के विभिन्न संस्थानों को अधिकारों और कर्तव्यों दिए जाते हैं जिसने ये लक्ष्य हासिल किए जा सकें.
कैसे मनाते हैं विश्व सामाजिक न्याय दिवस
विश्व सामाजिक न्याय दिवस का उद्देश्य को पूरा करने के लिए 20 फरवरी को विश्व के अलग-अलग देशों में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इस दिन के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय एक साथ मिलकर काम करते हैं।
विश्व भर में इस दिन लोग कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और लोगों को जागरूक करते हैं। इस दिन नस्ल, लिंग, धर्म, जाति के आधार पर समाज में बांटे गए लोगों को एकजुट किया जाता है।
कब से मनाया जा रहा है world day of social justice
संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने 26 नवबंर 2007 को ऐलान किया था कि हर साल 20 फरवरी का दिन सामाजिक न्याय के लिए विश्व दिवस के रूप में मनाया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने इस दिवस की शुरुआत मानवता को खतरे में डालने वाली समस्या से निपटने के लिए शुरू किया गया था. इसका मकसद समानता फैलाते हुए अन्याय और भेदभाव को मिटाना है.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन भी
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने भी 10 जून 2008 को सर्वसम्मति के साथ निष्पक्ष वैश्वीकरण के लिए सामाजिक न्याय की घोषणा को स्वीकार किया था. यह साल 1919 में संगठन का संविधान बनने के बाद तीसरा सबसे बड़ा सैद्धांतिक और नीतिगत बयान था जिसे स्वीकार किया था. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की यह कवायद सामाजिक न्याय के महत्व को रेखांकित करती है.

विश्व सामाजिक न्याय दिवस 2023 (World Social Justice Day)
नाम | विश्व समाजिक न्याय दिवस |
कब मनाया जाता है | 20 फरवरी |
शुरुआत कब हुई | 2009 |
घोषणा की गई | 2007 में |
विषय 2023 | Overcoming Barriers and Unleashing Opportunities for Social Justice |
दुनिया से बुराइयों को ख़त्म करने के लिए विश्व सामाजिक न्याय दिवस की शुरुआत की गई है. इसकी शुरुआत कब हुई और कब ये दिन मनाया जाता है.
विश्व सामाजिक न्याय दिवस का इतिहास (World Social Justice Day History Hindi)
साल 1995 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में सोशल डेवलपमेंट के लिए विश्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेताओं ने गरीबी, पूर्ण रोजगार के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा था. इसके अलावा समाज के लिए कार्य करने के लक्ष्य को हासिल करने का उद्देश्य भी इस आयोजन में रखा गया था.
■ Also Read: World Day Of Social Justice: Know How Social Justice Can be Achieved for Everyone!
जिसके बाद साल 26 नवंबर, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोपेनहेगन में हुए इस शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में नामित किया था. वहीं साल 2009 में सबसे पहले इस दिन को पूरे विश्व में मनाया गया था.
विश्व सामाजिक न्याय दिवस विषय 2023 (World day of Social Justice 2023 Theme)
हर साल विश्व सामाजिक न्याय दिवस के लिए एक विषय का चयन किया जाता है. इस विषय के माध्यम से लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है. इस साल यानि सन 2023 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस का विषय ‘अचीविंग सोशल जस्टिस थ्रू फॉर्मल एम्प्लॉयमेंट’ है जिसका मतलब है औपचारिक रोजगार के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करना.
■ Also Read: World Hindi Day: आज है विश्व हिंदी दिवस, जानें इसे 10 जनवरी को मनाए जाने का कारण और उद्देश्य
विश्व सामाजिक न्याय दिवस भारत में (World Day of Social Justice in India)
भारत सरकार ने कई ऐसे आयोगों का गठन किया है जो कि सामाजिक न्याय के हितों के लिए कार्य करते हैं. भारत के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कई योजनाओं की मदद से भी लोगों की सहायता की जाती है. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से लकेर राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास आयोग जैसे सराकरी संगठन दिन रात हमारे समाज से भेदभाव,बेरोजगारी और बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं. वहीं 20 फरवरी के दिन इन संगठनों द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. इसके अलावा स्कूल में भी इस दिन को लेकर कई तरह की प्रतियोगिता बच्चों के बीच रखी जाती है. जैसी की निंबध लिखना, इस दिन को चित्र के जरिए समझाना और इत्यादि.
विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर भारत द्वारा उठाये गये कदम
भारत के सविधान को बनाते समय देश में सामाजिक न्याय का खासा ध्यान रखा गया था. वहीं इस वक्त हमारे देश के सविधान में कई ऐसा प्रावधान मौजूद हैं, जो कि सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं. वहीं सुंयक्त राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर भारत सरकार सामाजिक न्याय के लिए कई कार्य कर रही है. भारत देश में कई तरह की जाति के लोग मौजूद हैं, इसके अलावा हमारे देश में कई ऐसी प्रथाएं हैं जो की सामाजिक न्याय के लिए खतरा हैं और इन्हीं चीजों से लड़ने के लिए भारत ने कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं.
■ Also Read: Taj Mahotsav Agra in Hindi: ताज महोत्सव आगरा घूमने की सम्पूर्ण जानकारी
सामाजिक परिवर्तन की मिसाल हैं खुशबू
खुशबू शर्मा राजस्थान के अलवर जिले के बाल मित्र ग्राम (बीएमजी), गोपालपुरा की बाल नेता हैं। बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है जिसके तहत हर बीएमजी गांव में कोई भी बच्चा बाल मजदूर नहीं होता है और हर बच्चा स्कूल जाता है।
समान रूप से अधिकार दिलाने के लिए ये सब भी हैं कार्यरत
पूरे विश्व के ज्यादातर देशों में बहुत सारी प्रथाएं ऐसी हैं, जहां समान रूप से न्याय मिल पाना आज भी सम्भव नहीं है. भारत की बात करें तो यहां भी बहुत सी प्रथाएं ऐसी हैं जहां लिंग,जाति और आर्थिक स्तर के आधार पर समान रूप से न्याय मिल पाना मुश्किल है. इसके चलते लोगों के अधिकारों का हनन भी हो रहा है. ऐसे लोगों को समानता का अधिकार मिल सके, इसके लिए राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, बाल विकास आयोग के साथ कई अन्य गैर सरकारी संगठन भी अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं.
न्याय की राह में रोड़े हजार हैं
आज समाज में फैले भेदभाव का एक घृणित चेहरा इस तरह का है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था के तहत बड़े से बड़ा घोटाला करने वाले नेता को तो चंद दिनों में ही रिहा कर दिया जाता है लेकिन एक छोटी-सी चोरी करने या चोरी के आरोप में एक गरीब बच्चा कई महीनों तक जेल में सड़ता है. न्याय और सजा का भय पुलिसवाले आम जनता को तो भली-भांति दिखाते हैं लेकिन संपन्न घराने के हत्यारों की कई बार खुद पुलिस ही सुरक्षा करती दिखती है. हाल ही दिल्ली में हुए गैंग रेप की गूंज तो पूरे भारत में सुनाई दी वहीं दूसरी ओर यूपी के एक इलाके में एक बलात्कार से पीड़ित लड़की ने न्याय के लिए आत्मदाह कर लिया लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी. आखिर क्या यही समाज का न्याय है? क्या इसे ही हम सामाजिक न्याय कहते हैं.
Read in English: World Day of Social Justice: Theme, History, Aim, Quotes Date | SA News Channel
World Day of Social Justice Quotes in Hindi
लेकिन हम देख सकते हैं कि कैसे अमेरिका और पाकिस्तान जैसे दुनिया के कोने कोने से इस मुद्दे को लेकर भारी मात्रा में टिप्पणियां दी जा रही है। खुशी की बात यह है कि काफी सारे लोग इस बात के साथ भी है। वही हमारे ही देश के काफी सारे लोग इसके खिलाफ भी दिखाई दे रहे।
- “सामाजिक न्याय महज नारा नहीं बल्कि धारा है। ”
- “विश्व शांति एक आवश्यकता है जो आंतरिक शांति से आती है। आंतरिक शांति के लिए न्याय बहुत जरूरी है। सामाजिक न्याय के इस विश्व दिवस को प्रचार और समुदाय में सभी के लिए न्याय दिलाने मदद करे।”
- “लोगों के नैतिक और मानवाधिकारों की रक्षा करता विश्व सामाजिक न्याय दिवस ”
- “हमारे पास दुनिया के इतिहास में मानव जाति की सर्वश्रेष्ठ पीढ़ी बनाने और इसे सर्वश्रेष्ठ बनाने की शक्ति है। ”
- “थोड़ी सी दया पूरी दुनिया को कम ठंडा और अधिक बना सकती है। ”
- “न्याय एक व्यक्तिगत सह विज्ञान नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता का विवेक है। ”
- “आइये इस दिवस पर हम समाज में मौजूद भेदभाव को खत्म कर सामाजिक न्याय के सिद्धांत को मजबूत करने का संकल्प लें। ”
- “जब भी हम एक अंधेरे आंदोलन से सामना करते हैं तो यह हमें प्रकाश को देखने में मदद करता है। प्रकाश को देखें और न्याय के लिए लड़ें। ”
- “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में खो दें। ”
Leave a Reply